चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति मामले को न्यायालय में ले जाने की चेतावनी
चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति का मामला स्थानीय प्रशासन से खिसकता हुआ अब प्रदेश उच्च न्यायालय की चौखट में भी पहुंचने जा रहा है। स्थानीय निवासी एवं प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्यरत क्षेत्र के एक अधिवक्ता ने स्वास्थ्य विभाग के आदेशों को प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती देने के संकेत दिए हैं। अधिवक्ता अनिल कुमार का कहना है सरकारी सर्विसेज कानून इस संदर्भ में बिल्कुल सपष्ट है अगर आप एक बार किसी को डेपुटेशन पर भेजते है तो उसके लिए सं
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर :
नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर के मेडिसन विशेषज्ञ चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति का मामला अब प्रदेश उच्च न्यायालय में भी पहुंचने जा रहा है। स्थानीय निवासी एवं प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्यरत क्षेत्र के एक अधिवक्ता ने स्वास्थ्य विभाग के आदेशों को प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती देने के संकेत दिए हैं। अधिवक्ता अनिल कुमार का कहना है सरकारी सर्विसेज कानून इस संदर्भ में बिल्कुल स्पष्ट है। अगर आप एक बार किसी को डेपुटेशन पर भेजते है तो उसके लिए संबंधित विभाग के डायरेक्टर से मंजूरी अनिवार्य है। अगर अस्पताल के चिकित्सक तीन दिन इधर ओर तीन दिन उधर के आदेश होते है तो हर तीसरे दिन विभाग से मंजूरी लेकर ही यह संभव है। अन्यथा यह आदेश गैर कानूनी होगा। अगर इस तरह का कोई आदेश स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया है तो वह इसका विरोध दर्ज करवाते हुए मामले को न्यायलय के समक्ष ले जाने से गुरेज नहीं करेंगे। अस्पताल के चिकित्सक को प्रतिनियुक्ति पर अन्य अस्पताल में भेजना अस्पताल में दाखिल मरीजों के लिए भी जान जोखिम पैदा करने जैसा होगा।
अधिवक्ता अनिल कुमार का यह भी कहना है कि वह उपमंडल के किसी भी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के खिलाफ नहीं हैं। अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों का अभाव चल रहा है तो वहां पर स्थाई चिकित्सक की तैनाती उचित विकल्प है न कि उपमंडलीय अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति।
बुधवार को व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने एसडीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सांसद रामस्वरूप शर्मा यहां तक कि विधायक से भी चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति रद करने के साथ साथ उपमंडल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के पदों को भरने का मांग पत्र सौंपा था। मामला समाचार पत्रों में उजागर होने के बाद अब प्रदेश उच्च न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता अनिल कुमार ने भी स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मामले को प्रदेश उच्च न्यायालय की चौखट में पहुंचाने की चेतावनी दे डाली है।