सुंदरनगर शहर में मिली गुच्छी
ऊंचाई व पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाने वाली गुच्छी मैदानी इलाके सुंदरनगर के मुख्य बाजार में व्यवसायी रमेश सैनी के यहां मिली है। लगभग ढ़ाई सौ ग्राम के करीब गुच्छी उन्होंने आंगन के पास से निकाली हैं। आमतौर पर मैदानी इलाकों में गुच्छी नहीं पाई जाती है। ऐसे में सुंदरनगर में इसका मिलना अचंभित कर रहा है।
सहयोगी, सुंदरनगर : ऊंचाई व पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाने वाली गुच्छी मैदानी इलाके सुंदरनगर के मुख्य बाजार में व्यवसायी रमेश सैनी के यहां मिली है। लगभग ढाई सौ ग्राम के करीब गुच्छी उन्होंने आंगन के पास से निकाली हैं। आमतौर पर मैदानी इलाकों में गुच्छी नहीं पाई जाती है। ऐसे में सुंदरनगर में इसका मिलना अचंभित कर रहा है। रमेश सैनी ने बताया कि वह अपने घर में दिवाली की सफाई कर रहे थे तो इस दौरान आंगन में गुच्छी के कुछ पौधे दिखाई दिए। उन्होंने जब देखा तो आसपास और भी गुच्छी थी। उसके बाद उन्होंने अपने सहयोगियों हिम्मत राम व योगराज की सहायता से इसे तोड़ा तो करीब ढाई सौ ग्राम गुच्छी वहां मिली। रमेश का कहना है कि आंगन में और सामान पड़ा हुआ है तथा उन्हें उम्मीद है कि इसे हटाने पर भी गुच्छी और मिलेगी। वहीं इस बारे में जब डीएफओ रिसर्च सेंटर तिलक से ने बताया कि यह मोरकेला प्रजाति फफूंद है और इसका वनस्पतिक नाम मोरकुला एसक्युलेटा है। अमूनन गुच्छी समुद्र तल से 1500 मीटर व इससे ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। उन्होंने रमेश सैनी के यहां निकली गुच्छी को देखा और उसे सही बताया।
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सबसे महंगी जड़ी बूटी में शामिल है गुच्छी
गुच्छी चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला सहित ऊंचे पहाड़ी इलाके के घने जंगलों में कुदरती रूप से पाई जाती है। यह सबसे महंगी होती है। इसका बाजार मूल्य हिमाचल में 10 हजार से शुरू होता है वहीं कश्मीर बाजार में यह 60 हजार प्रति किलो तक है।