नकदी फसल के उत्पादन से आर्थिकी हो रही मजबूत
मृगेंद्र पाल, गोहर किसान मेहनत की ठान ले तो तपती धूप, कड़ाके की ठंड तथा मूसलाधार बारिश
मृगेंद्र पाल, गोहर
किसान मेहनत की ठान ले तो तपती धूप, कड़ाके की ठंड तथा मूसलाधार बारिश भी उसकी साधना को तोड़ नही पाती है। सराज क्षेत्र के किसान हाडतोड़ मेहनत कर बड़े पैमाने पर सब्जी का उत्पादन कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं। सराज के टील गांव के युवा किसान डेलराम ने गोभी का उत्पादन कर बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के सामने उदाहरण पेश किया है। डेलराम ने मेहनत और लग्न अब तक पचपन ¨क्वटल (पांच टन से अधिक) गोभी का कारोबार अपने खेतों में कर लिया है और इतना होना अभी बाकी है। डेल राम ने बासा महाविद्यालय में पढ़ाई करने के बाद पिता के साथ अपने खेतों में हाथ बटाते हुए सफलता के साथ खेतीहर किसान बन गया है। खेतीबाड़ी के अलावा परिवार का भरण पोषण करने के लिए कोई अन्य साधन नहीं है इसलिए इसी काम में ही मन लगा लिया।
अब सुबह उठते ही कदम खुद-व-खुद खेतों की ओर चल पड़ते है। पत्नी लीला देवी और दो बेटे भी उसके साथ हाथ बटाने खेतों में पहुंच जाते हैं। पूरे परिवार का मानना है कि किसान अभाव में जीवन यापन करता है। जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खेतीबाड़ी में परिश्रम, लग्न, साधना और तपस्या के अलावा और कुछ नही है।
गोभी की बंपर फसल से हो रही आय से गदगद डेल दंपती सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है। जिले के सराज क्षेत्र का मध्य इलाका सेब के साथ सब्जी उत्पादन में भी अब पीछे नही है। लंबाथाच, चियूणी, शिल्हीबागी, बागाचनौगी, शिवाखड्ड, भाटकीधार, कल्हणी आदी इलाकों में सब्जी उत्पादन में अब अग्रणीय हो रहे हैं। इन इलाकों में सब्जियों का बंपर उत्पादन हुआ है तथा सेब के साथ सब्जियां प्रदेश से बाहर के राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है।