मंडी में साहित्यिक संगोष्ठी बिखरे होली के रंग
भाषा एवं संस्कृति कार्यालय सभागार मंडी में साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने की। जिला भर से आए हुए साहित्यकारों ने कविता निबंध लघु कथा सुनाए। निर्मल चंदेल ने होली पर सुंदर कविताएं सुनाई तो वहीं रूपेश्वरी शर्मा ने सुंदर कविता के साथ परंपरागत होली
संवाद सहयोगी, मंडी : जिला भाषा एवं संस्कृति कार्यालय सभागार मंडी में साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने की। जिलाभर से आए हुए साहित्यकारों ने कविता, निबंध, लघु कथा सुनाए। निर्मल चंदेल ने होली पर सुंदर कविताएं सुनाई तो वहीं रुपेश्वरी शर्मा ने सुंदर कविता के साथ परंपरागत होली गीत सुनाया। इशिता डोगरा ने चैत्र मास की छिज सुनाई, कृष्ण चंद महादेविया ने संघी नाम से लघु कथा सुनाई जो पति-पत्नी की आपसी नोंक झोंक में छिपे प्यार पर आधारित थी। प्रोमिला ठाकुर ने होली पर सुंदर गीत सुनाकर वाह वाही लूटी। रवि राणा शाहीन ने गजल सुनाई। पीसी कौंडल ने कविता के माध्यम से सुंदर संदेश दिया। किरण गुलेरिया ने गजल गाकर शमां बांधा, कृष्णा ठाकुर ने कुलवी और मंडयाली गीत गाकर भाव विभोर कर दिया। एलआर शर्मा ने होली के उपलक्ष्य में कविताएं सुनाई। मुरारी शर्मा ने पीपल शीर्षक कविता द्वारा सामाजिक ताना बाना प्रस्तुत किया। विनोद राणा ने ताजा तरीन क्षणिकाएं सुनाई। डॉ. गंगा राम राजी ने साहित्यिक टिप्पणियों द्वारा साहित्यकारों को लाभांवित किया। उन्होंने विस्तार से लोक साहित्य और साहित्यिक विधाओं पर सेमिनार आयोजित करने का अनुरोध किया। जिला भाषा अधिकारी ने सभी साहित्यकारों को 22 मार्च को संगीत सदन मंडी में किए जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आमंत्रित किया और मंच संचालन कृष्ण चंद महादेविया ने किया।