सुकेती, कंसा खड्ड का तटीकरण व ट्रांसमिशन लाइन होगी शिफ्ट
जिले की बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की कवायद तेज हो गई है। खड्डों के तटीकरण व ट्रांसमिशन लाइन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, मंडी : जिले की बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे को धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। अब सुकेती, कंसा व लोहारड़ी खड्ड के तटीकरण व उनका बहाव बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। तीनों खड्डें बल्ह घाटी के मध्य से होकर गुजरती हैं और ये एयरपोर्ट की जद में आ रही हैं। सुकेती व कंसा खड्ड का तटीकरण होगा। लोहारड़ी खड्ड के बहाव में बदलाव होगा।
प्रस्तावित साइट से होकर पार्वती कोल डैम पनविद्युत प्रोजेक्ट की ट्रांसमिशन लाइन भी गुजरती है। यह लाइन शिफ्ट होगी। इसके लिए भूमि अधिग्रहण होगा। सरकार ने संबंधित ट्रांसमिशन लाइन प्रबंधन को शिफ्टिग का खाका तैयार करने के निर्देश दिए हैं। डडौर-गोहर राजमार्ग को कहां से शिफ्ट किया जाए, प्रशासनिक अधिकारी इसका विकल्प तलाशने में जुट गए हैं।
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नौ राजस्व मुहाल में 2514 बीघा निजी भूमि का होगा अधिग्रहण : एयरपोर्ट के लिए नाचन व बल्ह हलके के नौ राजस्व मुहाल में 2514 बीघा निजी भूमि का अधिग्रहण होगा। इसमें अधिकांश भूमि ऐसी है जो राष्ट्रीय राजमार्ग व राजमार्ग के दायरे में नहीं आती है। ऐसे में किसानों को 100 मीटर से ऊपर के दायरे वाला सर्किल रेट मिलेगा यानी एक बीघा भूमि का डेढ़ से पांच लाख रुपये मुआवजा मिलेगा।
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डेढ़ से 45 लाख रुपये प्रति बीघा की दर से मिलेगा मुआवजा
प्रशासन ने एयरपोर्ट की जद में आने वाले राजस्व मुहाल के सर्किल रेट तय कर दिए हैं। इसके लिए दो पैमाने तय किए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग व संपर्क मार्ग से 0 से 100 मीटर व 100 मीटर से ऊपर की जमीन के अलग-अलग रेट तय किए हैं। स्यांह टांवा में 7336 रुपये प्रति वर्गमीटर, जरलू में 5965 रुपये सर्किल रेट रहेगा। डडोह, ढाबण में 1401 व कुम्मी, छातडू में 1142 रुपये रेट तय किया गया है। इसके अलावा 100 मीटर से ऊपर की जमीन का 203 से 794 रुपये वर्गमीटर रेट रहेगा। सर्किल रेट के हिसाब से किसानों को जमीन का मुआवजा डेढ़ से 45 लाख रुपये तक मिलेगा।
----------- फैक्टर एक लगने से मिलेंगे दोगुना दाम
प्रदेश सरकार अगर फोरलेन की तरह यहां भी फैक्टर एक लगाती है तो किसानों को उनकी जमीन के दोगुना दाम मिलेंगे। डेढ़ लाख बीघा वाली जमीन केदाम तीन लाख रुपये हो जाएंगे।
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सरकार का एकतरफा फैसला नहीं चलेगा। किसानों की जमीन सस्ते में लेने की साजिश रची जा रही है। सर्किल रेट कम करना सोची-समझी चाल है। किसान इसका डटकर विरोध करेंगे।
-जोगेंद्र वालिया, अध्यक्ष किसान सभा बल्ह।
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सर्किल रेट जमीन की खरीद-फरोख्त के आधार पर तय किए गए हैं। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है।
-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त मंडी।