अस्तित्व में आया सराज के थुनाग में उद्यानिकी केंद्र
खुल गया है। आठ अगस्त को अंतिम राउंड की काउंसलिग के बाद केंद्र के लिए नौणी विश्वविद्यालय की ओर से 69 विद्यार्थी की सूची जारी कर दी गई है। मंगलवार से केंद्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। गत वर्ष मुख्यमंत्री ने तीसरा केंद्र अपने विधानसभा क्षेत्र में खुलवाने के लिए अधिसूचना जारी करने के बाद इसके लिए पर्याप्त बजट का भी प्रावधान कर दिया।संस्थान के खुलने से मंडी व कुल्लू जिला के बागवानों को लाभ होगा और नए अध्ययन और शोध कार्य से यहां बागवानी क्षेत्र में नए आयाम हासिल किए जाएंगे। थुनाग स्थित पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान भवन में ही नौणी विश्व विद्यालय का यह क्षेत्रीय केंद्र
मृगेंद्र पाल, गोहर
सराज के थुनाग में प्रदेश का तीसरा उद्यानिकी एवं वानिकी क्षेत्रीय केंद्र खुल गया है। आठ अगस्त को अंतिम राउंड की काउंसलिग के बाद केंद्र के लिए नौणी विश्वविद्यालय की ओर से 69 विद्यार्थी की सूची जारी कर दी गई है।
मंगलवार से केंद्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। गत वर्ष मुख्यमंत्री ने तीसरा केंद्र अपने विधानसभा क्षेत्र में खुलवाने के लिए अधिसूचना जारी करने के बाद इसके लिए पर्याप्त बजट का भी प्रावधान कर दिया। संस्थान के खुलने से मंडी व कुल्लू जिला के बागवानों को लाभ होगा और नए अध्ययन और शोध कार्य से यहां बागवानी क्षेत्र में नए आयाम हासिल किए जाएंगे। थुनाग स्थित पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान भवन में ही नौणी विश्व विद्यालय का यह क्षेत्रीय केंद्र विस्तार एवं विकास सेंटर के रूप में चलेगा।
नौणी विश्व विद्यालय में फलोरिकल्चर के हेड और थुनाग सेंटर के डीन वाईसी गुप्ता ने बताया कि इस केंद्र का शुरू होना विश्व विद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। किसानों को बागवानी और वानिकी में नवीनतम तकनीकों और ज्ञान से लाभ पहुंचेगा। जिस क्षेत्र में यह केंद्र स्थापित किया जा रहा है, वहां फल, सब्जियों और फूलों के उत्पादन में सुधार की काफी गुंजाइश है। केंद्र उद्यानिकी एवं वानिकी से संबंधित प्रशिक्षण देने के अलावा फल और सब्जी विज्ञान, उच्च तकनीक की फूलों की खेती, पौध संरक्षण, जैव प्रौद्योगिकी टिशू कल्चर और जंगलों का वैज्ञानिक विकास के क्षेत्रों में कार्य करेगा। केंद्र को कार्यशील बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने थुनाग के लिए एक डिप्टी रजिस्ट्रार, दो स्थाई वैज्ञानिकों और दो कार्यालय कर्मचारियों को नियुक्त किया है। इसके अलावा दो विजटिग साइंटिस्ट भी इस केंद्र से जुड़े रहेंगे। निकट भविष्य में इस केंद्र में अतिरिक्त वैज्ञानिकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
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