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    Himachal News: मंडी में पांच वर्षों में 736 कुत्तों की नसबंदी, डॉग केयर सेंटर की राह में आई अब ये मुश्किल

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 01:59 PM (IST)

    मंडी नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए निगम सक्रिय हो गया है। पिछले पांच वर्षों में 736 कुत्तों की नसबंदी की गई है। निगम बिजणी में डॉग केयर सेंटर बनाना चाहता है, लेकिन भूमि हस्तांतरण में दिक्कत आ रही है। निगम शहर में कुत्तों की संख्या का सर्वे कर रहा है और जल्द ही समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है।

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    Himachal News: मंडी में पांच वर्षों में 736 कुत्तों की नसबंदी (फाइल फोटो)

    संवाद सहयोगी, मंडी। नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक ने न केवल आम जनता की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि प्रशासन को भी सक्रिय कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में जारी निर्देशों के बाद निगम ने आवारा कुत्तों की संख्या और गतिविधियों पर सटीक नियंत्रण के लिए कमर कस ली है। निगम ने जहां पिछले पांच वर्षों में अपने एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) कार्यक्रम के तहत 736 कुत्तों की नसबंदी करवा कर पशु प्रबंधन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है।

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    वहीं दूसरी ओर बिजणी में प्रस्तावित डॉग केयर सेंटर भूमि हस्तांतरण के अभाव में अभी तक साकार नहीं हो सका है। निगम के पास वर्तमान में एक डॉग कैचिंग वाहन, तीन प्रशिक्षित कर्मचारी और सात केनेल क्षमता वाला एबीसी सेंटर है। यहां नसबंदी के बाद कुत्तों को सात दिन तक निगरानी में रखा जाता है। पुराने आदेशों के तहत जिस स्थान से कुत्ते को पकड़ा जाता है, उसे वहीं छोड़ा जाता है।

    नसबंदी किए गए कुत्तों की पहचान के लिए उनके कान पर छोटा सा कट लगाया जाता है, साथ ही उनका टीकाकरण भी करवाया जाता है। पांच वर्षों में निगम ने लगातार अपनी कार्यक्षमता में सुधार किया है।

    वर्ष 2021 में जहां केवल 21 कुत्तों की नसबंदी हुई थी, वहीं वर्ष 2024 तक यह संख्या बढ़कर 204 तक पहुंच गई। वर्ष 2025 में अब तक 139 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। शहर में पंजीकृत 150 पालतू कुत्तों में से 50 का पंजीकरण भी पूरा कर लिया गया है।

    वर्तमान में निगम क्षेत्र में आने वाले स्कूलों, कालेजों, बस अड्डों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों में कुत्तों की सटीक संख्या और स्थिति का सर्वे किया जा रहा है, जिसे 15 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

    यह सर्वे सर्वोच्च न्यायालय के नए दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जा रहा है। वहीं, निगम की बड़ी योजना बिजणी में बनने वाला डॉग केयर सेंटर भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में फंसा हुआ है। यह भूमि अभी वन विभाग के नाम दर्ज है, जिससे निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा।

    निगम ने केंद्र का नक्शा और अनुमानित खर्च पहले ही तैयार कर लिया है। यह सेंटर तैयार होने पर आवारा कुत्तों की नसबंदी, उपचार और पुनर्वास का मुख्य केंद्र बनेगा। नगर निगम आयुक्त रोहित राठौर ने बताया कि निगम सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहा है और अब तक 736 कुत्तों की नसबंदी कर चुका है।

    भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही बिजणी में डॉग केयर सेंटर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम शहर में आवारा कुत्तों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।