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आस्था की डुबकी के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना

जागरण टीम मंडी/जोगेंद्रनगर/थुनाग/बरोट मंडी जिले में वीरवार को मकर संक्रांति पर्व मनाया

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:57 PM (IST)
आस्था की डुबकी के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना
आस्था की डुबकी के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना

जागरण टीम, मंडी/जोगेंद्रनगर/थुनाग/बरोट : मंडी जिले में वीरवार को मकर संक्रांति पर्व मनाया गया। सुबह लोगों ने पवित्र स्थलो में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद हलवा व रोट कुल देवी-देवताओं को चढ़ाया और पूजा-अर्चना की। इसके बाद दोपहर को घरों में स्वादिष्ट पकवान, राजमाह की खिचड़ी बनाकर सगे संबंधियों व पड़ोसियों को बांटकर खाई। जिले में यह पर्व एक माह तक मनाया जाता है। संक्रांति के साजे के साथ ही माघ का महीना भी शुरू हो जाता है। मकर संक्रांति पर भक्तों ने छोटी मंडी के आराध्य देव बाबा भूतनाथ, टारना, भीमाकाली, महामृत्यूंजय व जोगेंद्रनगर के मच्छयाल स्थित प्राचीन मंदिर मच्छिदंरनाथ में भी पूजा-अर्चना की। वहीं लडभड़ोल क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की आवाजाही रही। पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर, विधायक प्रकाश राणा व सांसद रामस्वरूप शर्मा ने भी रेवड़ियां, मूंगफली और गजक व मिष्ठान बांटकर खुशी मनाई।

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वहीं जोगेंद्रनगर नर्सिंग महाविद्यालय की प्रशिक्षु छात्राओं ने लोहड़ी का त्योहार खूब नाच गाने के साथ मनाया। प्राचार्य निशा वालिया और उप प्राचार्य पुष्पा ने सभी को लोहड़ी की बधाई दी। वहीं थुनाग, गोहर, सुंदरनगर, पद्धर, धर्मपुर, सरकाघाट, बरोट व नेरचौक में भी संक्रांति पर्व मनाया गया।

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खिचड़ी की खुशबू से महकी कुल्लू घाटी

जागरण टीम, कुल्लू/आनी : कुल्लू जिले में मकर संक्रांति पर स्वर्ग प्रवास पर गए देवी-देवता लौट आते हैं। सुबह होते ही घाटी में घी और खिचड़ी की खुशबू से महक उठी। आनी, बंजार की तीन कोठी, तीर्थन तथा सैंज आदि में मकर संक्रांति पर्व मनाया गया। वहीं कुल्लू में भगवान रघुनाथ जी के दर पर भी खिचड़ी का भोग लगाया गया। वहीं पार्वती नदी, ब्यास नदी, मणिकर्ण, क्लाथ व वशिष्ठ में गर्म पानी के कुंड में स्नान करने के लिए लोगों का मेला लगा रहा। यहां दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व पंजाब से कई जगहों पर पर्यटकों ने भी आस्था की डुबकी लगाई।

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तत्तापानी में नहीं उमड़ी भीड़

संवाद सहयोगी, करसोग : मकर सक्रांति पर तत्तापानी में कोरोना संकट के कारण प्रशास ने बड़े स्तर पर मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी। लेकिन लोगों ने तत्तापानी पहुंच स्नान किया। सांसद रामस्वरूप शर्मा ने भी बुधवार रात लोहड़ी करसोग में ही मनाकर सुबह यहां स्थान किया। वीरवार को काफी मात्रा में श्रद्धालु स्नान व तुलादान करवाने पहुंचे। शिमला-करसोग मार्ग पर तत्तापानी में कुछेक ही दुकानें सजी है। यहां पर कोरोना नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए इसके लिए प्रशासन भी सतर्क था। लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व का मेला पूरा महीना चलता है। इसमें देश सहित प्रदेश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। पिछली बार मकर संक्रांति में एक ही बर्तन में 1995 किलो खिचड़ी पकाई गई थी, जो गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी। इस खिचड़ी को 20 हजार लोगों को परोसा गया था।

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आस्था के आगे फीका पड़ा माइनस तापमान

जागरण संवाददाता, केलंग : एक और जहां प्रदेश भर में मकर संक्रांति मनाई गई वहीं लाहुल घाटी में माइनस तापमान आस्था के आगे फीका पड़ गया। लाहुल के दो युवकों ने माइनस तापमान के चलते ठोस हो रही चंद्रभागा नदी के संगम में पवित्र स्नान किया। बर्फीली नदी में डुबकी लगाते देख लोग हैरान रह गए। माइनस तापमान में चंद्रा नदी में पवित्र स्नान करने वाले किशन और विवेक ने बताया कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य मिलता है। उन्होंने बताया कि चंद्रभागा संगम का वर्णन महाभारत में भी हुआ है।


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