कच्चा माल न मांग, उद्योग मंद
सरकार ने उद्योगों को चलाने की अनुमति दे दी है लेकिन कच्चा माल और डिमांड की कमी इनके लिए बड़ी समस्या बन गई है। जिला मंडी-कुल्लू में 1
मुकेश मेहरा, मंडी
सरकार ने उद्योगों को चलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन कच्चा माल और मांग की कमी इनके लिए बड़ी समस्या बन गई है। जिला मंडी-कुल्लू में 1800 छोटी-बड़ी इकाइयों ने काम करना शुरू किया है। इसमें मंडी में 1500 जिसमें फर्नीचर, लोहे से संबंधित, दवा, फूड प्रोसेसिग आदि यूनिट शामिल हैं। कुल्लू में 300 यूनिट जिसमें फूड प्रोसेसिग, हथकरघा मिनरल वाटर आदि उद्योग शुरू हुए हैं।
काम शुरू होने के साथ ही इनके आगे सबसे बड़ी समस्या कच्चे माल की आई है। हालांकि छोटे उद्योगों को तो प्रदेश व जिला के अंदर माल मिला, लेकिन फर्नीचर, दवा आदि के उद्योगों को दिक्कत आई। उद्योग विभाग को इसकी जानकारी दी गई तो वहां कुछ इकाइयों को अन्य राज्यों से सामान बनवाने के लिए पास आदि की व्यवस्था हुई। इससे यहां पर प्रोडक्शन तो शुरू हो गई, लेकिन मांग न होने के कारण माल अब जस का तस है। ऐसे में अब उद्यमी भी अधिक माल तैयार नहीं कर रहे हैं।
टकोली स्थित फेरमैंटा बॉयोटेक लिमिटेड की एचआर हेड सविता जम्वाल ने बताया कि उद्योग विभाग ने हमें यूनिट को शुरू करवाने के लिए मदद की है, लेकिन हमारा उत्पादन 60 प्रतिशत अभी है। 200 कर्मचारियों में से आधे ही शिफ्ट आधार पर काम पर आते हैं। फर्नीचर व्यवसाय से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि माल तैयार किया है, लेकिन शादियां और कार्यक्रम न होने के कारण मांग नहीं है।
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पत्तल बनाने वाले भी परेशान
मंडी शहर में पत्तल बनाकर अपना पेट पाल रहे लोगों का काम पूरी तरह से बंद है। शादी या अन्य कार्यक्रम न होने के कारण पत्तल की मांग नहीं है। प्रति दो रुपये के हिसाब से बिकने वाले पत्तल की मंडी के गांधी चौक पर बिक्री होती थी, लेकिन कर्फ्यू के कारण इनका पूरा काम ठप हो गया है।
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हमारी ओर से उद्यमियों को हरसंभव मदद की जा रही है। मंडी के 1500 के करीब छोटे व बड़े उद्योगों ने काम करना शुरू किया है। इनमें से कुछ को कच्चा माल लाने के लिए विभाग ने पास आदि दिलवाने में मदद की है।
-ओपी जरियाल, जीएम उद्योग विभाग मंडी
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कुल्लू में 300 उद्योगों ने काम करना शुरू किया है। सबको पूरा सहयोग किया जा रहा है।
-छिमे अंगमोह, जीएम उद्योग विभाग कुल्लू