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भूस्खलन से तीन वार्डों में घरों को खतरा, रास्ते में आई दरारें

संवाद सहयोगी जोगेंद्रनगर नगर परिषद जोगेंद्रनगर के वार्ड पांच और छह के बीच से गुजरने वाल

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:24 PM (IST)
भूस्खलन से तीन वार्डों में घरों को खतरा, रास्ते में आई दरारें
भूस्खलन से तीन वार्डों में घरों को खतरा, रास्ते में आई दरारें

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : नगर परिषद जोगेंद्रनगर के वार्ड पांच और छह के बीच से गुजरने वाले नाले के दोनों ओर हो रहे भूस्खलन से वार्ड पांच अपर सेरी, वार्ड छह लोअर सेरी और वार्ड सात शानन के करीब पांच घरों पर खतरा मंडरा चुका है। तीनों वार्डों को जोड़ने वाले मुख्य रास्ते में दरारें आ जाने से ग्रामीण खौफजदा हैं। नाले के दोनों ओर गत सप्ताह हुए भारी भूस्खलन से किसानों की उपजाऊ भूमि पर भी खतरा मंडरा चुका है। करीब 17 परिवार भूस्खलन से सहमे हुए हैं। उन्होंने प्रशासन को लिखित प्रस्ताव सौंप कर सहायता मांगी है।

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वार्डवासी सुभाष, माया देवी, आशा ठाकुर, बलदेव, परमानंद, लक्ष्मण ने बताया कि वार्ड के बीच से होकर गुजरने वाले नाले के दोनों और भूस्खलन हो जाने से उनके रिहायशी मकान और उपजाऊ भूमि खतरे की चपेट में आ गई है। सोमवार को वार्डवासियों ने हस्ताक्षर युक्त एक प्रस्ताव स्थानीय एसडीएम डा. मेजर विशाल शर्मा को सौंपकर सहायता मांगी है। वार्डवासियों की इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए एसडीएम ने नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता शशि भूषण को फील्ड रिपोर्ट कार्यालय में प्रेषित करने के दिशा निर्देश जारी किए हैं।

मुख्यमंत्री के आदेश् के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

नगर परिषद जोगेंद्रनगर के वार्ड छह के निवासी सुभाष कुमार ने बताया कि भूस्खलन से उनके मकान को खतरा बना हुआ है। एक साल पूर्व स्थानीय प्रशासन को शिकायत पत्र सौंपने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई के आदेश जारी हुए थे। जिस पर अभी कार्य नहीं हो पाया है। माया देवी ने बताया कि वार्ड छह में नाले के दोनों और भूस्खलन से मकान खतरे की चपेट में आया है। जोगेंद्रनगर के एसडीएम डा मेजर विशाल शर्मा को 17 परिवारों के हस्ताक्षर युक्त प्रस्ताव सौंपने के बाद वार्ड सात की निवासी एवं पूर्व पंचायत प्रधान आशा ठाकुर ने बताया कि भूस्खलन से 17 परिवार खौफजदा हैं। वहीं वार्ड पांच के बलदेव का कहना है कि जमीन धंसने से उनके मकान के गिरने का खतरा बना हुआ है। अगर समय रहते प्रशासन से सहायता न मिली तो उनका मकान कभी जमींदोज हो सकता है।


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