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सेंसर से संकेत, गुम्मा में दरक सकती है पहाड़ी

मडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुम्मा के पास लगाए सेंसर ने भूस्खलन के संकेत मिले हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 08:43 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 08:43 PM (IST)
सेंसर से संकेत, गुम्मा में दरक सकती है पहाड़ी
सेंसर से संकेत, गुम्मा में दरक सकती है पहाड़ी

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुम्मा के पास लगाए सेंसर ने भूस्खलन के संकेत दिए हैं। पहाड़ी दरकने के अंदेशे को लेकर स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। यहां से होकर गुजरने वाले वाहन चालकों से एहतियात बरतने का आह्वान किया है। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और मजदूरों को भारी मशीनरी के साथ 24 घंटे सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर इन दिनों भारी संख्या में पर्यटक और सेना के वाहनों की आवाजाही हो रही है। पहाड़ी दरकने से कोई बड़ा नुकसान न हो, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने गुम्मा में सड़क के दोनों और पहले चेतावनी बोर्ड स्थापित किए थे। अब व¨ल¨कग लाइट स्थापित करने का निर्णय लिया है।

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भूस्खलन संभावित पहाड़ियों पर जिला प्रशासन की ओर से आइआइटी मंडी के सहयोग से सेंसर स्थापित किए गए हैं। जहां से पहाड़ी दरकने की जानकारी समय रहते मिल पाती है। इसी प्रकार का एक सेंसर से जोगेंद्रनगर के करीब दस किलोमीटर दूर गुम्मा पहाड़ी के आसपास भी स्थापित किया गया था, जहां से पहाड़ी के दरकने के संकेत मिले हैं।

हालांकि स्थानीय प्रशासन का दावा है कि गुम्मा पहाड़ी का दरकना बीते कुछ वर्ष से जारी है। बरसात के मौसम में आंशिक रूप से पहाड़ी का दरकना स्वाभाविक है। फिर भी ऐहतियातन सुरक्षा संबंधी कदम उठाए जा रहे हैं। पहाड़ी के दरकने की अधिक संभावना फिलहाल नहीं है। दूसरी और गुम्मा सड़क के नजदीक विभागीय अधिकारियों की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्य के कारण भी पहाड़ी पर से कुछ मलबा गिरने की जानकारी सेंसर के माध्यम से मिली है।

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कोटरोपी त्रासदी के कारण एहतियात :

बीते वर्ष कोटरोपी के पहाड़ों के दरकने से भयानक त्रासदी हुई थी। इस दौरान 48 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा कई वाहन, मकान जमींदोज हो गए थे। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने कोटरोपी, गुम्मा की पहाड़ियों सहित अन्य भूस्खलन संभावित क्षेत्र में सेंसर स्थापित किए हैं। जिसकी मॉनीट¨रग जिला प्रशासन कर रहा है। साथ ही सड़क के दोनों और सुरक्षा के चलते पुलिस चेकपोस्ट स्थापित की गई हैं, जहां पुलिस के दस जवान 24 घंटे तैनात किए गए हैं।

----- बरसात के मौसम में गुम्मा की पहाड़ियों के दरकने का सिलसिला कुछ वर्ष से जारी है। एहतियात के तौर पर गुम्मा से छाणक तक 500 मीटर की दूरी के बीच चेतावनी बोर्ड स्थापित किए गए हैं। वलि¨कग लाइट भी स्थापित की जा रही हैं। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों को हाईअलर्ट पर रखा गया है। वाहन चालक भी यहां से गुजरते समय आवश्यक सावधानी बरतें।

-अमित मेहरा, एसडीएम, जोगेंद्रनगर।


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