अब नहीं कर सकेंगे मजदूरों का शोषण, नियत समय पर बैंक खाते में डालनी होगी मजदूरी
अब चौदह साल से अधिक आयु के मजदूरों की सेलरी उसके हाथों में नहीं बल्कि बैंक खाते में समय पर जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
मंडी, जेएनएन। दुकान एवं वाणिज्य संस्थान अधिनियम के तहत आने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालकों, निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार व उद्योग संचालक मजदूरों का शोषण नहीं कर सकेंगे। 14 साल से अधिक आयु के मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नकद नहीं बैंक खाते में जमा करना अनिवार्य कर दिया है। श्रम विभाग ने जिला में 100 से अधिक न्योक्ता को इस संदर्भ में चेतावनी के तौर पर नोटिस जारी किए हैं। श्रम विभाग को जिला में बाल मजदूरी करवाने की शिकायतें मिल रही हैं।
अन्य राज्यों खास कर बिहार व उत्तर प्रदेश से रोजी रोटी की तलाश में आने वाले मजदूर परिवार के छोटे बच्चों को भी यहां पहुंचा कर बाल मजदूरी में झोंक रहे हैं। दुकान, ढाबों व फैक्ट्री में 14 साल से कम आयु के बच्चों से काम लिया जा रहा है। स्कूल जाने की आयु में बच्चे बर्तन साफ करने में लगे हुए हैं। बाल मजदूरी करवाने वाले न्योक्ता को 20 से 50 हजार रुपये का जुर्माना अथवा दो से तीन साल की सजा का प्रावधान है। बावजूद इसके व्यापारिक प्रतिष्ठानों व फैक्ट्री में 14 साल से कम आयु के बच्चों से काम लिया जा रहा है।
जिला के विभिन्न कस्बों से अन्य राज्यों के बच्चों से मजदूरी करवाने की शिकायतें विभाग के पास पहुंच रही हैं। 14 साल से अधिक आयु के मजदूर से नियमानुसार आठ घंटे कार्य लिया जा सकता है। इसकी एवज में न्योक्ता को कम से कम 6750 रुपये मासिक भुगतान करना जरूरी है। राशि को मजदूर के हाथों में न देकर उसके बैंक खाते में जमा करवाना जरूरी है। इसके लिए न्योक्ता ही बैंक में मजदूर का खाता भी खोलेगा। श्रम विभाग ने जिला में सौ से अधिक न्योक्ता को मजदूरों के बैंक खाते खोल कर उनकी मजदूरी नियमानुसार जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किए हैं।
व्यापारिक प्रतिष्ठान, उद्योग संचालक व ठेकेदारों को 14 साल से कम आयु के बच्चों को काम पर नहीं रखने की हिदायत देने के साथ साथ मजदूरी उनके बैंक खाते में जमा करवाने के निर्देश जारी किए हैं। न्योक्ता को प्रतिमाह इसकी पूरी जानकारी विभाग को उपलब्ध करवानी होगी। श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वालों के साथ विभाग सख्ती से निपटेगा।
-भावना शर्मा, श्रम निरीक्षक मंडी।