शान से कहेंगे, हिमाचल में भी है हमारा परिवार
हमने हिमाचल से परिवार शब्द के महत्व को जाना है। बंसल परिवार के
कुलभूषण चब्बा, सुंदरनगर
हमने हिमाचल से परिवार शब्द का महत्व जाना है। बंसल परिवार के सदस्यों ने इसे बखूबी समझाया है। इन्हीं पारिवारिक मूल्यों को आत्मसात कर घर से करीब 1940 किलोमीटर दूर हिमाचल में आया कोलकाता का परिवार 83 दिन बाद आखिर अपने घर लौट गया। बेहद भावुक कर देने वाले विदाई के इस पल में हर किसी की आंखें नम थी। मानव सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन सीआर बंसल और संस्थापक प्रकाश बंसल ने अपने स्वजनों के साथ उन्हें उपहार भी भेंट किए। इसके बाद प्रकाश बंसल अपनी पत्नी किरण बंसल संग उन्हें छोड़ने मंडी गए, जहां प्रशासन ने उन्हें एचआरटीसी बस से ऊना भेजा। ऊना से रेलमार्ग से वे कोलकाता के लिए रवाना होंगे।
कोलकाता के इस परिवार के मुखिया स्वजल मंडल, पत्नी रुपाली मंडल, बेटी फेंटासी और बेटा आबिर मंडल कहते हैं कि अब हम भी शान से कहेंगे कि हमारा एक परिवार हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर में भी रहता है। बेशक उनके द्वारा उपलब्ध करवाए गए रसोईघर में हम अपने तरीके से ही खाना बनाते रहे लेकिन उसके लिए राशन की व्यवस्था बंसल परिवार ने ही की।
16 मार्च को कालका से शिमला पहुंचे थे
कोलकाता का यह परिवार 14 मार्च को कालका के बाद 16 मार्च को शिमला पहुंचा था। 18 मार्च को मनाली पहुंचे। कोरोना वायरस के कारण दो मार्च को टैक्सी के माध्यम से सुंदरनगर पहुंचे। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद वे वापस नहीं जा पाए। सुंदरनगर के होटल में रहने के बाद बिलासपुर पुलिस में कार्यरत प्रकाश बंसल चार मई को इन्हें अपने घर ले आए थे।