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हक के लिए आवाज बुलंद करेगी किसान सभा

जागरण संवाददाता मंडी हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर खेती

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:39 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:39 PM (IST)
हक के लिए आवाज बुलंद करेगी किसान सभा
हक के लिए आवाज बुलंद करेगी किसान सभा

जागरण संवाददाता, मंडी : हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर खेती में व्यापक हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से विभिन्न मुद्दों पर पांच उपसमितियां गठित की हैं। इसमें भूमि,सेब, टमाटर व सब्जियां,दूध व अनाज के क्षेत्र में गठित की गई हैं। आने वाले समय में विस्तृत अध्ययन करते हुए संघर्ष को विकसित किया जाएगा। सभा ने 31 जनवरी तक 50 हजार सदस्यता के तय लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। सभा का राज्यस्तरीय सम्मेलन 9 व 10 अप्रैल को सोलन जिला में आयोजित होगा। दिसंबर,जनवरी में सदस्यता एवं प्राथमिक इकाइयों के सम्मेलन, फरवरी में खंड इकाइयों, मार्च में जिला इकाइयों के सम्मेलन किए जाएंगे। भूमि अधिग्रहण प्रभावितों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के लिए 14 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मशाला में प्रदर्शन किया जाएगा। बल्ह हवाई अड्डे के मुद्दे पर अधिवेशन करते हुए संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा। मंगलवार को मंडी में आयोजित राज्य कमेटी की विस्तारित बैठक में यह निर्णय लिए गए।

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बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने की। बैठक में आठ जिलों से किसान सभा के सदस्यों ने भाग लिया। राज्य महासचिव डा. ओंकार शाद ने कोविड महामारी से अर्थव्यवस्था एवं सार्वजनिक सेवाओं पर पड़े दुष्प्रभावों बारे अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोविड काल मे केवल तीन फीसद अमीर लोगों की आमदनी में वृद्धि व आम आदमी की हालत और भी खराब हुई है। केंद्र सरकार एमएसपी पर कानून बनाए और बिजली विधेयक 2020 को वापस लें। किसान मजदूर एकता तथा कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी हार की संभावना को टालने के लिए विवश होकर मोदी सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेने पर विवश होना पड़ा। डा. कुलदीप सिंह तंवर ने केंद्रीय किसान कमेटी की बैठक के फैसलों पर चर्चा करते हुए देशव्यापी अखिल भारतीय किसान आंदोलन की साल भर के कठिन परिस्थितियों में निरंतर संघर्षों की जीत को ऐतिहासिक करार दिया। साथ ही किसान आंदोलन की न्यूनतम समर्थन मूल्य की बुनियादी मांग तक संघर्ष जारी रखने को किसानों की एकता का परिचायक बताया।

बैठक में कुशाल भारद्वाज, प्रो. राजेंद्र चौहान, सत्यवान पुंडीर, होतम सोंखला, नारायण चौहान, सतपाल, डा. एमएस दत्तल, प्यारे लाल व अन्य मौजूद रहे।


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