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फोरलेन का काम दो साल बाद पकड़ेगा रफ्तार

स्थायी वित्त समिति ने कीरतपुर नागचला फोरलेन के बचे काम को पूरा करने की मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 06:29 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:29 PM (IST)
फोरलेन का काम दो साल बाद पकड़ेगा रफ्तार
फोरलेन का काम दो साल बाद पकड़ेगा रफ्तार

हंसराज सैनी, मंडी

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स्थायी वित्त समिति ने कीरतपुर नागचला फोरलेन के बचे काम को पूरा करने की मंजूरी दे दी है। इससे करीब दो साल से बंद फोरलेन का काम दोबारा शुरू होने की उम्मीद बंध गई है। बिलासपुर जिले के कैंचीमोड़ से मंडी के भवाना तक 47.750 किलोमीटर फोरलेन का निर्माण होगा। इसमें करीब पांच किलोमीटर लंबी पांच यातायात सुरंगें व एसीसी संयंत्र को जोड़ने वाला दो किलोमीटर मार्ग व एक टोल प्लाजा शामिल है। फोरलेन का निर्माण कार्य अब हाइब्रिड वार्षिक मॉडल (एचएएम) के आधार पर होगा। 40 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार देगी। 60 फीसद टेंडर लेने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी को खर्च करना होगा।

पहले फोरलेन का काम बिल्ड ऑपरेट एवं ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर हो रहा था। इसमें निर्माण कार्य पर पूरा पैसा कंस्ट्रक्शन कंपनी को खर्च करना था। 47.750 फोरलेन के निर्माण पर 1455 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 13 जुलाई को टेंडर खुलेगा। बरसात के बाद काम शुरू होने की उम्मीद है।

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कीरतपुर से नागचला तक बन रहा 84.375 किलोमीटर फोरलेन

मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में तबदील करने के लिए पंजाब के कीरतपुर से मंडी जिले के नागचला तक 2012 में खाका तैयार किया गया था। 84.380 किलोमीटर फोरलेन के निर्माण कार्य की अनुमानित लागत 1818 करोड़ रुपये आंकी गई थी। नंवबर 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तीन साल में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। आइटीएनएल कंपनी को काम अवार्ड हुआ था। बीच में कंपनी दिवालिया घोषित हो गई । निर्माण कार्य करीब 50 ही फीसद काम पूरा था। दो साल पहले कंपनी काम बीच में छोड़ चलती बनी। अब नए सिरे से टेंडर हो रहा है।

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पांच सुरंगों का काम 50 फीसद अधूरा

कैंचीमोड़ से भवाना तक पांच यातायात सुरंगें बन रही हैं। कैंचीमोड़ की सुरंग सबसे लंबी है। इसकी लंबाई करीब 1800 मीटर है। बिलासपुर व मंडी जिले की सीमा पर टिहरी में दूसरी बड़ी 1410 मीटर की सुरंग है। 860 मीटर की सुरंग भवाना के पास निर्माणाधीन है। पांचों सुरंगों का काम अब भी 50 फीसद शेष है। 22 छोटे बड़े पुलों का निर्माण होना है। 47.750 किलोमीटर मार्ग से करीब 15 किलोमीटर मार्ग का काम पूरा हो चुका है।

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36 किलोमीटर कम होगी कीरतपुर की दूरी

फोरलेन बनने से नागचला से कीरतपुर की दूरी 36 किलोमीटर कम होगी। वर्तमान में दूरी 120 किलोमीटर है। कीरतपुर पहुंचने में नागचला से करीब चार घंटे का समय लगता है। फोरलेन से सफर महज दो घंटे का रह जाएगा।

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कैंचीमोड़ से भवाना तक फोरलेन के शेष बचे कार्य को पूरा करने के लिए स्थायी वित्त समिति ने मंजूरी दे दी है। 1455 करोड़ रुपये का टेंडर 13 जुलाई को खुलेगा।

-अमन रोहिला, परियोजना निदेशक एनएचएआइ मंडी।


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