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सुखराम के घर फ्रंटफुट पर खेले जयराम

पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के घर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जमकर फ्रंटफुट पर खेले।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:27 AM (IST)
सुखराम के घर फ्रंटफुट पर खेले जयराम
सुखराम के घर फ्रंटफुट पर खेले जयराम

हंसराज सैनी, साईगलू (मंडी)

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पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के घर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जमकर फ्रंटफुट पर खेले। इलाका तुगंल की सियासी पिच पर उन्होंने खूब रन यानी पंचायत जनप्रतिनिधि बटोरे। इससे सुखराम परिवार व कांग्रेस एक ही झटके में बैकफुट पर आ गई। इलाका तुंगल सुखराम परिवार का गढ़ रहा है। तुगंल क्षेत्र में 13 पंचायतें हैं, जिनके लोग सुख दुख में हमेशा सुखराम परिवार के साथ खड़े रहे हैं। लेकिन वीरवार को यहां की फिजा पूरी तरह से बदली नजर आई। दावा किया गया है कि सुखराम के दल बदलने से आहत उनके कई समर्थक साथ भाजपा में चले गए। इनमें कोटली पंचायत के पूर्व प्रधान एवं व्यापार मंडल कोटली के वर्तमान प्रधान मोहन सिंह का सुखराम परिवार से करीब 50 वर्ष से नाता था।

अनिल की गैर मौजदूगी में सम्मेलन में भीड़ जुटाना भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। सुखराम के गढ़ में इससे पहले जिस भी नेता ने हुंकार भरने की कोशिश की थी, उसका स्वागत पत्थरों व मुर्दाबाद के नारों से ही हुआ। इस चुनौती से पार पाने का जिम्मा भाजपा नेतृत्व ने आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को सौंप रखा था। सम्मेलन में 2000 कार्यकर्ता जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन उम्मीदों से अधिक भीड़ उमड़ने से यहां मेला मैदान व मंच भी छोटा पड़ गया।

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा को सदर हलके में करीब 6500 वोटों की बढ़त मिली थी। वीरभद्र से बढ़ती दूरियां और क्षेत्र में कांग्रेस के कम होते जनाधार को देख सुखराम अपने परिवार सहित विधानसभा चुनाव में भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और 10,000 से अधिक वोटों से विजयी हुए थे। इससे पहले के चुनाव में 2000 से 3000 के बीच जीत हुई है। क्षेत्र के कई पंचायत जनप्रतिनिधियों को अपने खेमे में शामिल कर भाजपा ने कांग्रेस के मजबूत किले की चूले हिलाकर रख दी हैं।

अनिल पर हमलावर हुई भाजपा

कल तक बैकफुट पर खेल रही भाजपा अब अनिल को और ज्यादा झेलने के मुड़ में नहीं दिख रही है। साईगूल में मुख्यमंत्री सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने जिस तरह से हल्ला बोला, उससे लगता है कि अनिल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। कल तक उन्हें पूरी तरह से मान सम्मान देने वाली भाजपा अब उन्हें कई दिनों तक घुटन महसूस करवाएगी। संगठन, पार्टी प्रत्याशी व मुख्यमंत्री के विरुद्ध की बयानबाजी को गंभीरता से लेते हुए अनिल का कच्चा चिट्ठा तैयार करना शुरू कर दिया है।


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