सुखराम के गढ़ में जयराम की सर्जिकल स्ट्राइक
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को तुंगल घाटी के साईगलू में सुखराम के गढ़ में सर्जिकल स्ट्राइक की।
जागरण संवाददाता, मंडी : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को तुंगल घाटी के साईगलू में सुखराम के गढ़ में सर्जिकल स्ट्राइक की। 35 से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों को एक ही झटके में भाजपा में शामिल कर सुखराम के मजबूत किले की चूले हिलाकर रख दी। दावा किया जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने वालों में पूर्व कांग्रेस मंडल अध्यक्ष धर्मपाल सहित कई अन्य ऐसे कट्टर समर्थक हैं जिन्होंने कभी सुखराम की चौखट के अलावा कुछ और नहीं देखा था। सुखराम व अनिल शर्मा को लेकर भाजपा नेता व खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कई माह से चुप्पी साधे हुए थे। बुधवार को अनिल की बयानबाजी के बाद भाजपा नेताओं के सब्र का बांध टूट गया।
अनिल व सुखराम को जवाब देने के लिए भाजपा ने उनके गढ़ तुंगल घाटी को चुना। सुखराम परिवार की कलई खोलने में किसी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा ने सुखराम व अनिल से उनके कर्मो का हिसाब मांगा तो आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने विकास का दुश्मन बताया। मुख्यमंत्री भी पूरे जोश में दिखे। उन्होंने भी अनिल को नहीं बख्शा और कहा कि कैसी विचित्र स्थिति पैदा हो गई है, भाजपा की जनसभा में भाजपा से चुना हुआ आपका विधायक नहीं है और मेरा मंत्री भी गायब है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हमने अभी काफी राज सीने में दबाकर रखे हैं। हर बात की एक सीमा होती है। अनिल इस समय हताशा में हैं। यह उनके अपने परिवार की वजह से है। मुख्यमंत्री ने उन्हें चेताया कि हमसे उलझने की बजाय अपने सारे झगड़े घर में निपटाएं। ऐसा लगता है कि अनिल शर्मा की न बेटा और न बाप ही सुन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अनिल मंडी सदर से उम्मीदवार न होते तो भी भाजपा यहां से जीतती। लोकसभा चुनाव में सुखराम परिवार का यह भ्रम भी टूट जाएगा। उन्होंने लोगों से रामस्वरूप शर्मा के पक्ष में मतदान कर उन्हें दोबारा संसद में भेजने की अपील की। इस मौके पर महेंद्र सिंह ठाकुर, भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष रणवीर सिंह, पूर्व विधायक डीडी ठाकुर, कन्हैया लाल, स्थानीय पंचायत प्रधान सीता राम ने चुनावी सभा को संबोधित किया। 'मैं भी पप्पू' नारे से प्रचार करें कांग्रेस नेता
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस जो भी बयान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ देती है उसका फायदा भाजपा को ही होता है। 2014 में जब मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें चायवाला कहा। कांग्रेस के उस नारे को भाजपा ने अपनाया और 'चायवाला भी बन सकता है प्रधानमंत्री' के साथ चले प्रचार में मोदी इस पद पर जा पहुंचे। अब कांग्रेस कह रही है कि चौकीदार चोर है तो देश के करोड़ों लोगों ने 'मैं भी चौकीदार' का नारा अपना लिया जो अब गूंजने लगा है। उन्होंने कटाक्ष किया कि कांग्रेस के लोग भी अपना नारा 'मैं भी पप्पू' अपनाकर प्रचार करें तो बेहतर होगा। इस पर जनसभा में खूब तालियां बजी।