मंडी शिवरात्रि : बारिश के बीच निकली अंतिम शाही जलेब, लोगों में दिखा जोश
International shivaratri festival mandi अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की अंतिम जलेब सोमवार को रिमझिम बारिश के बीच निकली।
मंडी, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की अंतिम जलेब सोमवार को रिमझिम बारिश के बीच निकली। जलेब में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने माधोराय मंदिर में पहले पूजा अर्चना की। इसके बाद प्राचीन भूतनाथ मंदिर पहुंचे। यहां पर भी पूजा अर्चना की। इसके बाद जलेब में शामिल हुए। राजमहल से निकली जलेब में प्रमुख देवताओं ने भाग लिया। सेरी मंच होते हुए जलेब पड्डल पहुंची। जलेब निकलने पहले ही बारिश शुरू हो गई थी। इसके बाद बारिश का क्रम देर शाम तक जारी रहा। बारिश में ही जलेब निकली और देवताओं के रथ व देवलु पूरी तरह से बारिश में भीग गए, लेकिन उनका जोश कम नहीं हुआ। बारिश के बावजूद देवलु नाचते गाते जलेब में शामिल हुए।
देवी-देवताओं की विदाई के साथ सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव सोमवान को संपन्न हो गया। महोत्सव की अंतिम जलेब को देखने के लिए लोग छाते लेकर सड़क के दोनों तरफ खड़े रहे। कुछ लोगों ने सेरी मंच पर खड़े होकर जलेब देखी। इस बार महोत्सव में 192 पंजीकृत देवी-देवता पहुंचे थे। सोमवार को चौहटा की जातर के बाद दोपहर दो बजे के बाद जलेब शुरू हुई।
जलेब के आगे घुड़सवार पुलिस, बैंड, पुलिस जवान, महिला पुलिस मार्च करते हुए चले। देवता छाजणू और छमांहू जलेब में सबसे आगे रहे। कोटलू घटोत्कच, देव कोटलू, देव विष्णु मतलोड़ा, बायला नारायण, सराज घाटी के लक्ष्मी नारायण, तुंगासी ब्रह्मदेव, महामाया निहरी, अंबिका नाऊ, राज देवता माधो राय की पालकी, शुकदेव थट्टा, चौहार घाटी के बड़ोदेया हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव घड़ौनी नारायण, देव पेखर का गैहरी आदि देवता भी जलेब में साथ चले। वहीं, सेरी मंच के पास कुछ देवता जलेब को छोड़कर पड्डल की तरफ चले गए, इन्होंने पुलिस की टुकड़ी को भी पीछे छोड़ दिया।