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उच्च श्रेणी चिप निर्माण पर आइआइटी मंडी में होगा मंथन

जागरण संवाददाता मंडी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में सेंटर फार डिजाइन एंड

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 11:22 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 11:22 PM (IST)
उच्च श्रेणी चिप निर्माण पर आइआइटी मंडी में होगा मंथन
उच्च श्रेणी चिप निर्माण पर आइआइटी मंडी में होगा मंथन

जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में सेंटर फार डिजाइन एंड फैब्रिकेशन आफ इलेक्ट्रानिक डिवाइसेस के सहयोग से 15 व 16 नवंबर को हाई वाल्यूम चिप मेन्युफेक्चरिग (उच्च श्रेणी चिप निर्माण) को लेकर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला (इंटरनेशनल टेक्नोलाजी रेडीनेस) होगी। इसमें नीति आयोग के सदस्य डा. वीके सारस्वत बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। डिफेंस, एयरोस्पेस एवं ग्लोबल कारपोरेट अफेयर्स, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड मुंबई के प्रेसिडेंट इंफ्रास्ट्रक्चर बनमाली अग्रवाल, केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव (इलेक्ट्रानिक्स) सौरभ गौर विशिष्ट अतिथि होंगे।

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कार्यशाला का आयोजन उद्योग जगत, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, केंद्र, राज्य सरकार के नीति निर्माताओं, अकादमिक इंजीनियरों, विज्ञानिकों, पीएचडी करने वालों, उच्च स्तर के विज्ञान और इंजीनियरिग के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए किया जा रहा है। यह मंच देश में फैब इकाइयों की तैयारी का ब्लूप्रिट देने के लिए आवश्यक कार्यप्रणाली, दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकी को सामने रखेगा। साथ ही, विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर निर्माण का आधार प्राप्त करने में मदद देगा।

संस्थान के पूर्व प्रतिष्ठित प्रोफेसर सेमीकान फैब टेक्नोलाजी के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ व मुख्य आयोजक प्रो. केनेथ गोंजाल्विस ने बताया कि भारत में इस तरह का पहला सेमीकान फैब प्रौद्योगिकी आयोजन है। भारत के लिए मध्यम स्तर के फैब का काम तेज करना मुमकिन है। इससे देश में सेमीकान की मांग पूरी होगी। देश का इलेक्ट्रानिक्स उद्योग 65, 45, 32, 28 एनएम टेक्नोलाजी नोड चिप्स के आयात पर अत्यधिक निर्भर है। यह आर्थिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है और 2025 तक इसे आयात करने की मांग कई गुणा बढ़ने की उम्मीद है। भारत में सर्वश्रेष्ठ चिप डिजाइनर और उत्कृष्ट शैक्षिक संस्थान दोनों हैं, लेकिन इस सामूहिक ज्ञान का लाभ लेकर फैब ईकोसिस्टम बनाने के काम में हम पिछड़े हैं। इसे दूर करने के लक्ष्य से यह कार्यशाला उपयुक्त ईकोसिस्टम का मार्ग प्रशस्त करेगी। कार्यशाला के मुख्य विषय

भारत में फैब : वर्तमान और भविष्य

एमयूवी (365 एनएम) और डीयूवी (248 एनएम) प्रौद्योगिकी 193 एनएम, 193आई प्रौद्योगिकी, एसएडीपी, एसएक्यूपी अत्यधिक पराबैंगनी 13.5 एनएम प्रौद्योगिकी डिवाइस फैब्रिकेशन 28 एनएम और लोअर नोड्स 65/45/32 एनएम पैटर्निंग और डिवाइस फैब प्रौद्योगिकी कार्यशाला में क्षेत्र के विश्व प्रमुख लोगों और 193/193 एनएम इमर्सन/एसएडीपी/एसएक्यूपी टेक्नोलाजी और 13.5 एनएम ईयूवीएल आदि विभिन्न एडवांस्ड नैनोपैटर्निंग प्रौद्योगिकियों के डोमेन विशेषज्ञों से संवाद का मंच होगा। कोलोकियम का एक मुख्य पहलू 28 एनएम और इसस निम्न प्रौद्योगिकी नोड्स पर भारत में सेमीकंडक्टर के निर्माण की जानकारी पेश करना है।


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