शोध कार्यो में आएगी तेजी, आइआइटी स्थापित होगा सुपर कंप्यूटर
जागरण संवाददाता मंडी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में शोध कार्यो में तेजी अ
जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में शोध कार्यो में तेजी आएगी। आइआइटी में 17 करोड़ रुपये से सुपर कंप्यूटर केंद्र स्थापित होगा। इसके लिए सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस कंप्यूटिग (सी-डेक) पुणे के साथ सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह 650 टीएफ कंप्यूटर पावर के साथ अनुसंधान और विकास कार्यो में उपयोग होगा। यह चार माह में कार्य करना शुरू कर देगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा एवं संचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे की मौजूदगी में हुए वर्चुअल एमओयू में आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी व सी-डेक के महानिदेशक डा. हेमंत दरबारी व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा मौजूद थे। यह एमओयू पर पांच साल के लिए किया गया।
आइआइटी मंडी में लिक्विड-कूल्ड रैक और 200 गीगाबाइट इनफीबैंड कनेक्टिविटी के साथ सुपर कंप्यूटिग केंद्र की स्थापना सी-डेक पुणे करेगा। आइआइटी मंडी में 2014 से ही संस्थान का अपना उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) हेटरोजेनस क्लस्टर है। इस केंद्र के 400 से अधिक रजिस्टर्ड यूजर हैं जो आइआइटी मंडी के शोधार्थी हैं। ये लिक्विड मैकेनिक्स, इंजीनियरिग, जैव प्रौद्योगिकी, आणविक गतिशीलता और कंप्यूटेशनल रसायन विज्ञान में कार्यरत हैं।
इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि सुपर कंप्यूटिंग मिशन भारत सरकार की अहम पहल है। इसके तहत सी-डेक ने आइआइएससी, आइआइटी और एनआइटी के साथ मिलकर डिजिटल इंडिया और आत्मानिर्भर भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने की बड़ी भूमिका निभाई है।
-------
वर्तमान कलस्टर से 13 गुना होगी क्षमता
नई सुपर कंप्यूटिग प्रणाली में वर्तमान क्लस्टर से 13 गुना अधिक कंप्यूटिग क्षमता होगी। इससे न केवल संस्थान में एचपीसी के उपयोग और अनुसंधान का परिवेश बेहतर होगा बल्कि शोध की क्षमता भी बढ़ेगी। इस उद्देश्य से संस्थान पहले से मौजूद एचपीसी क्लस्टर और टेक्नोलाजी इनोवेशन हब (टीआइएच) के साथ नए केंद्र की स्थापना के लिए सेंट्रलाइज्ड सुपर कंप्यूटिग बिल्डिंग बना रहा है।