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चीन के ड्रैगन को टक्कर देगा देश का पहला हीलियम आयन माइक्रोस्क्रोप

आइआइटी मंडी के विशेषज्ञों ने बनाया देश का पहला हीलियम आयन माइक्रोस्कोप, एशिया में अब तक चीन का पास ही मौजूद है यह माइक्रोस्कोप

By Edited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 03:02 AM (IST)
चीन के ड्रैगन को टक्कर देगा देश का पहला हीलियम आयन माइक्रोस्क्रोप
चीन के ड्रैगन को टक्कर देगा देश का पहला हीलियम आयन माइक्रोस्क्रोप

मंडी, हंसराज सैनी। छोटी काशी मंडी में बनने वाली पांच से 10 नैनोमीटर की चिप अब ड्रैगन को कड़ी चुनौती देगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के विशेषज्ञों ने चिप व उसका पैटर्न तैयार करने वाला माइक्रोस्कोप इजाद किया है। हीलियम आयन माइक्रोस्क्रोप बनाकर विशेषज्ञों ने मेक इन इंडिया का लोहा मनवाया है। यह देश का पहला हीलियम आयन माइक्रोस्क्रोप है।

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एशिया में अब तक यह माइक्रोस्कोप सिर्फ चीन के पास था, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उसकी तूती बोलती थी। इस माइक्रोस्कोप पर बिना मास्क के बिना काम किया जा सकता है। चीन के पास माइक्रोस्कोप पर मास्क के साथ काम करना पड़ता है। माइक्रोस्कोप इजाद होने से अब पांच से 10 नैनोमीटर की चिप व पैटर्न बनाना आसान होगा। इसे बनाने में एक साल का समय लगा। ऐसे बनेंगे पैटर्न व चिप हीलियम आयन माइक्रोस्कोप को मास्कलेस नैनोपैटर्निंग और इमे¨जग टूल के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हीलियम गैस के पॉजिटिव चार्ज वाले बीम से पैटर्न बनेंगे। पॉजिटिव चार्ज सेमीकंडक्टर सर्फेस पर तैयार होगा। तय स्पॉट पर हीलियम आयन्स हिट करके बेहद सटीक पैटर्न व चिप का निर्माण होगा।

आइआइटी के विशेषज्ञों ने कुछ साल पहले अमेरिका की इंटेल कंपनी के लिए 20 नैनोमीटर की चिप इजाद की थी। चिप सुरक्षित रहेगी विशेषज्ञों ने चिप को सुरक्षित रखने का मेटिरियल भी तैयार किया था। मेक इन इंडिया के तहत संस्थान में करीब 50 करोड़ की लागत से सेंटर फॉर डिजाइन एंड फ्रेबिकेशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस स्थापित हुआ है। सेंटर में करीब 40 करोड़ रुपये उपकरणों पर खर्च किए गए हैं। इसी लैब में एक्सट्रीम अल्ट्रावायॉलेट लिथोग्राफी के रोधकों (रेसिस्ट्स) का विकास किया गया है। इससे नैनो उपकरणों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा।

रक्षा, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में आएगी काम पांच से 10 नैनोमीटर की चिप से रक्षा, चिकित्सा, कंप्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र से जुड़े उपकरणों का आकार कम होगा। उनके काम करने की क्षमता बढ़ेगी। हीलियम आयन बीम आधारित नई तकनीक का उपयोग उसी उपकरण में सैंपल के उच्च क्षमता की तस्वीरें बनाने में भी होगा। मेक इन इंडिया के तहत संस्थान में हीलियम आयन माइक्रोस्कोप ईजाद किया गया है। एशिया में इस तरह का माइक्रोस्कोप अब तक चीन के पास था। यह देश का पहला माइक्रोस्कोप है। पांच से 10 नैनोमीटर की चिप व पैटर्न तैयार होने से देश अब नए आयाम हासिल करेगा।

सतेंद्र शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आइआइटी मंडी


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