आइआइटी मंडी में 383 को मिली डिग्री
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) का आठवां दीक्षा समारोह शनिवार
जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) का आठवां दीक्षा समारोह शनिवार को वर्चुअल तरीके से मनाया गया, जिसमें 383 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। इनमें 62 लड़कियां शामिल हैं। दीक्षा समारोह में पद्म विभूषण डॉ. आरए माशेलकर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। डा. माशेलकर राष्ट्रीय शोध प्राचार्य और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध परिषद के पूर्व महानिदेशक रहे हैं। समारोह की अध्यक्षता आइआइटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नेस के अध्यक्ष प्रो. प्रेमव्रत ने की।
इस मौके पर डा. माशेलकर ने कहा कि छात्रों से कि कि वह सभी सौभाग्यशाली हैं कि आइआइटी मंडी ने उन्हें कौशल और साधन संपन्न बनाया है, जिससे वह चुनौतियों का पूरे आत्मविश्वास से सामना करें। कोरोना महामारी से बचते हुए हमारे सामने नई सोच, नई कल्पना और कुछ कर गुजरने का भी अवसर है। वहीं प्रेमव्रत ने आशा जताई कि विद्यार्थियों ने जो ज्ञान और कौशल अर्जित किया है, उसे वह ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान को सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अनुसंधान परियोजनाएं मिलना अपने आपमें उत्कृष्ट उपलब्धि है। कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद डिजिटल और हाइब्रिड मोड में संस्थान अपने अधिकांश शैक्षिक कार्यो को सही दिशा में आगे बढ़ाने में सफल रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति पदक विजेता मैकेनिकल इंजीनियरिग नीलोत्पल दत्त ने भी संबोधित किया। 110 करोड़ से बनेगा टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब : प्रो. अजीत
आइआइटी के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा कि इस साल कोरोना महामारी की बाधाओं के बावजूद शोधकर्ताओं ने बेहतर कार्य कर 300 पीयर-रिव्यूड प्रकाशन किए। शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन उपलब्धियों की अटल रैंकिंग (एआरआइआइए 2020) में भी आइआइटी मंडी सातवें स्थान पर रहा। संस्थान डीएसटी के सहयोग से 110 करोड़ की लागत से टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआइएच) बना रहा है, जो विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा। इन्हें मिली डिग्री
कोर्स,ग्रेजुएट विद्यार्थी
पीएचडी,39
एमएस (शोध से),11
एमटेक,97
एमएससी,77
एमए,12
बीटेक,147