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Himachal Pradesh News: आईआईटी मंडी के शोधार्थियों की रिसर्च से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में होगी नए दौर की शुरुआत

Himachal Pradesh News देश में अब आधुनिक डिजाइन वाले सिलिकान फोटोवोल्टिक उपकरण बनाना आसान होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधार्थियों ने सिलिकान सोलर सेल्स में उपयोगी मेटल आक्साइड की परत बनाने की तकनीक विकसित की है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkPublished: Mon, 20 Mar 2023 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 05:23 PM (IST)
Himachal Pradesh News: आईआईटी मंडी के शोधार्थियों की रिसर्च से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में होगी नए दौर की शुरुआत
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधार्थियों

मंडी, जागरण संवाददाता। देश में अब आधुनिक डिजाइन वाले सिलिकान फोटोवोल्टिक उपकरण बनाना आसान होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधार्थियों ने सिलिकान सोलर सेल्स में उपयोगी मेटल आक्साइड की परत बनाने की तकनीक विकसित की है। इससे व्यावसायिक तकनीक की लागत व जटिलता कम होगी। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए दौर की शुरुआत होगी।

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सेमीकंडक्टराें में मेटल आक्साइड महत्वपूर्ण

आधुनिक आर्किटेक्चर वाले सिलिकान सोलर सेल्स में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टराें में मेटल आक्साइड महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए निकेल आक्साइड फिल्में तैयार करना पड़ती है। इन फिल्मों की मोटाई नैनोमीटर रेंज यानी मनुष्य के बाल की मोटाई से एक लाख गुना कम होती है।

नैनोमीटर में निकल आक्साइड की बारीक फिल्म विकसित करने की वर्तमान प्रक्रिया अत्याधिक महंगी है। इसके उत्पादन के लिए उपकरण आयात करने होते हैं। फिल्माें के विकास के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रीकर्सर जैसे कि निकल एसिटाइलसीटोनेट भी महंगे हैं। इससे वर्तमान तकनीक के व्यावसायिक उपयोग की संभावना कम हो जाती है।

अल्ट्राथिन फिल्म बनाने की सस्ती प्रक्रिया विकसित

शोधार्थियों ने मेटल आक्साइड की अल्ट्राथिन फिल्म बनाने की सस्ती प्रक्रिया विकसित की है। इसकी शुरुआती सामग्री भी सस्ती हैं। सिलिकान सब्सट्रेट पर निकेल आक्साइड की बारीक फिल्म बनाने के लिए एयरोसोल की मदद से रासायनिक भाप जमाने की तकनीक का इस्तेमाल किया है।

रसायनिक भाप जमाने की तकनीक 

आइआइटी मंडी के एसोसियट प्रोफेसर डा. कुणाल घोष का कहना है कि एरोसोल की मदद से रसायनिक भाप जमाने की तकनीक से सिलिकान सहित विभिन्न सतहाें पर उच्च गुणवत्ता के साथ एक समान बारीक फिल्म बनाई जा सकती है। इसके लिए एयरोसोल के रूप में भाप अवस्था में प्रीकर्सर इस्तेमाल करना होगा। एयरोसोल की मदद से आक्साइड आधारित सामग्री की बड़ी रेंज़ का संग्रह किया जा सकता है और यह काफी सटीक है। इस तकनीक का लाभ सामग्री विज्ञान व इंजीनियरिंग के विभिन्न उपयोगाें में होगा।

15 नैनोमीटर मोटाई की निकेल आक्साइड फिल्म विकसित

शोधार्थियों ने निकेल नाइट्रेट से लगभग 15 नैनोमीटर मोटाई की निकेल आक्साइड फिल्म विकसित की। फिल्म की आकृति विज्ञान,संरचना व सिलिकान सब्सट्रेट पर जमाई गई बारीक फिल्म की डायोड संबंधी विशेषताओं का भी विश्लेषण किया है।

फिल्म उत्पादन की लागत होगी कम

नई तकनीक से सोलर सेल्स के लिए मेटल आक्साइड फिल्म उत्पादन की लागत कम होगी। इसका व्यापक उपयोग किया जा सकता है। इससे सौर उद्योग में नया दौर शुरू करने की संभावना है।

कई का अहम योगदान

देश अभी सोलर सेल्स के लिए 3 जीडब्ल्यू व माडयूल के लिए 15जीडब्ल्यू निर्माण करने में सक्षम है। सरकार की योजना अप्रैल 2023 तक सोलर सेल व माडयूल के लिए अतिरिक्त 25 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तथा वेफर्स के लिए 10 जीडब्ल्यू क्षमता विकसित करने की है। शोध के परिणाम अमेरिका के मैटेरियल्स इन इलेक्ट्रानिक्स जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। शोध में डा. कुणाल घोष के अलावा उनके पीएचडी स्कालर सैयद मोहम्मद हुसैन व मोहम्मद सादुल्लाह का अहम योगदान रहा है।


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