एचआरटीसी के डीएम को हाईकोर्ट की अवमानना का नोटिस
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के मंडी डिविजन के मंडलीय प्रबंधक यानी डीएम को प्रदेश उच्च न्यायालय ने अवमानना का नोटिस जारी किया है।
जागरण संवाददाता, मंडी : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के मंडी डिविजन के मंडलीय प्रबंधक (डीएम) को प्रदेश उच्च न्यायालय ने अवमानना का नोटिस जारी किया है। उच्च न्यायालय ने यह नोटिस निगम के बुकिग क्लर्क के मामले में जारी आदेश की अवहेलना पर दिया है। इस संबंध में डीएम से 27 मार्च तक जवाब देने को कहा है।
मामले के मुताबिक 22 जनवरी 2016 को डीएम ने अपने अधीन आते बुकिग क्लर्क राकेश चंदेल को निलंबित कर दिया था। क्लर्क ने अधिकारी के आदेश के खिलाफ प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में अपील की थी। ट्रिब्यूनल ने राजेश की अपील को स्वीकार करते हुए उक्त निलंबन आदेश को गैरकानूनी करार दिया। साथ ही उसे सभी आर्थिक लाभ प्रदान कर निलंबन आदेश रद करने के आदेश दिए। इसके विपरीत उक्त अधिकारी ने राकेश को कोई आर्थिक लाभ नहीं दिया। यही नहीं उसकी दो वेतनवृद्धियां भी रोक दी गई।
इसके बाद पीड़ित ने प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टया में इसे अवमानना का मामला मानकर डीएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें 27 मार्च तक जवाब देने को कहा है। दूसरी ओर परिवहन मजूदर संघ ने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है। हिमाचल प्रदेश परिवहन मजूदर संघ के अध्यक्ष शंकर सिंह और सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि अधिकारी ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया। हालांकि यह कार्य उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं था। उक्त कार्य केवल क्षेत्रीय प्रबंधक मंडी का था। परिवहन मजदूर संघ ने उक्त अधिकारी को इस पद से हटाने की कई बार मांग की थी। आरोप लगाया कि अधिकारी की पदोन्नति भी नियमों के विपरीत की गई है। वहीं डीएम अमरनाथ सलारिया ने कहा कि यह विभागीय मामला है। इस संबंध में जो भी आदेश होंगे उनका जवाब दिया जाएगा।