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हाई फ्लड जोन तय करने में छूटे पसीने, एक हजार मकान जद में

जागरण संवाददाता, मंडी : ब्यास नदी, सुकेती खड्ड व सकोहड़ी नाले का हाई फ्लड जोन तय करने

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 03:00 AM (IST)
हाई फ्लड जोन तय करने में छूटे पसीने, एक हजार मकान जद में
हाई फ्लड जोन तय करने में छूटे पसीने, एक हजार मकान जद में

जागरण संवाददाता, मंडी : ब्यास नदी, सुकेती खड्ड व सकोहड़ी नाले का हाई फ्लड जोन तय करने में जिला प्रशासन के पसीने छूट गए हैं। 25 मीटर के दायरे में छोटी काशी के करीब एक हजार मकान आ रहे हैं। अगर एनजीटी हाई फ्लड जोन का मानक 25 मीटर तय करती है तो इससे आधे से ज्यादा शहर उजड़ जाएगा। हाई फ्लड जोन तय करने का कार्य सप्ताह भर से चल रहा है। इसके लिए पांच विभागों की एक संयुक्त टीम कार्य कर रही है। नदी तट किनारे मकानों की संख्या अधिक होने की वजह से सर्वेक्षण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है।

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जिला प्रशासन से ब्यास नदी, सुकेती खड्ड व सकोहड़ी नाले के तट से 25 किलोमीटर के दायरे में आने वाले मकानों व व्यावसायिक परिसरों का ब्योरा मालिकों सहित मांगा था। हाई फ्लड जोन तय करने के लिए प्रशासन ने राष्ट्रीय जल विज्ञान प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की, लोक निर्माण, राजस्व व नगर नियोजन विभाग के विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है। 25 मीटर के दायरे में एक हजार से अधिक मकान आने पर प्रशासन ने तट की ऊंचाई से पांच मीटर को मानक मानकर एक हाई फ्लड जोन तय करने की अपने तरफ से कोशश की है। इससे सैकड़ों मकान उजड़ने से बच जाएंगे। लेकिन यह तभी संभव है जब एनजीटी इस पर अपनी मुहर लगाती है। सर्वेक्षण कार्य पूरा न होने पर प्रशासन ने अब एनजीटी से और मोहलत मांगने का निर्णय लिया है।

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सर्वेक्षण का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। एनजीटी से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगा जाएगा।

-डॉ. मदन कुमार, एसडीएम, सदर।


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