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फेसबुक आइडी हैक कर ठगे 40 हजार, बॉस के नाम से आया मैसेज

मंडी के बल्‍ह में फेसबुक मैसेंजर के जरिए 40 हजार रुपये ठगने का मामला सामने आया है उसे बॉस के नाम से मैसेज आया था।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 08:59 AM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 08:59 AM (IST)
फेसबुक आइडी हैक कर ठगे 40 हजार, बॉस के नाम से आया मैसेज
फेसबुक आइडी हैक कर ठगे 40 हजार, बॉस के नाम से आया मैसेज

सुंदरनगर, जेएनएन। ऑनलाइन ठगी करने वालों ने बल्ह थाना क्षेत्र के तहत दियारगी गांव के एक व्यक्ति को अपना शिकार बनाया है। ठगोें ने एक निजी कंपनी में काम करने वाले बल्ह के रिंकू कौशल के बॉस गुरदीप सिंह के नाम से फेसबुक मैसेंजर के जरिए मैसेज कर उससे 40 हजार रुपये ठग लिए। उन्होंने बल्ह थाना में मामला दर्ज करवाया था। क्योंकि वह कुल्लू जिला के आनी  में कार्यरत हैं और उसी दौरान उससे ठगी हुई। इसलिए मामले को आनी थाना के सुपुर्द कर दिया गया।

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रिंकू कौशल ने बताया कि उनके मैसेंजर पर बॉस के नाम से मैसेज आया और उसे 8876158206 नंबर पर गूगल पे के माध्यम से तत्काल 20-20 हजार रुपये डालने के लिए कहा। उन्होंने तुरंत पैसे डाल दिए। उसके बाद उन्होंने कॉल की तो नंबर व्यस्त आया। इसके बाद ठगों ने फिर से 20 हजार की राशि डालने को कहा। इससे उनका माथा ठनका और थोड़ी देर बात बॉस से बात की तो उन्होंने इससे इंकार किया। उन्होंने बताया कि ठगों द्वारा दिए गए नंबर पर जब बात करनी चाही तो बंद आया। इसके बाद उन्होंने बॉस को उनकी फेसबुक आइडी हैक होने की जानकारी भी दी और पुलिस में मामला दर्ज करवाया। पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव‍ सिंह  ने मामले की पुष्टि की है।

पैसे देकर बनवाए थे फर्जी प्रमाणपत्र

फर्जी प्रमाणपत्र से दिव्यांगता पेंशन लेने के मामले में चार लोगों ने यह बात कबूल की है कि उन्होंने पैसे देकर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए थे। पुलिस ने चारों को इस मामले में थाने पूछताछ के लिए तलब किया था। इस दौरान उन्होंने कई अहम जानकारियां भी पुलिस को दी है। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज बरत रही है। पुलिस इस मामले में हर कड़ी जोड़कर आगे बढ़ रही है। छह मार्च को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दिव्यांगजनों का फर्जी तरीके से पेंशन हथियाने के मामला सामने आया था। जिला कल्याण विभाग की ओर से पुलिस थाना गोहर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने मामला ध्यान में आते ही छानबीन शुरू कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक दस्तावेज जांच में जाली पाए गए प्रमाण पत्र 2013 और 2016 में बनाए गए हैं। पूछताछ में पता चला है कि थाना में तलब लोगों ने पैसे देकर फर्जी प्रमाण बनाए हैं। इस पर गोहर पुलिस मामले की जांच गंभीरता से कर रही है, ताकि मास्टरमांइड को सलाखों के पीछे धकेला जाए।

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