छात्रवृत्ति घोटाले की सरकार जल्द सीबीआइ जांच करवाए
एसएफआई मंडी जिला कमेटी ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए असिस्टेंट कमीशनर के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है। इसमें मांग की है कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को तुरंत छात्रवृत्ति दी जाए। इसके अलावा जो भी पूर्व में छात्रवृत्ति घोटाले के लिए दोषी है
संवाद सहयोगी, मंडी : एसएफआइ मंडी जिला कमेटी ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए असिस्टेंट कमीशनर के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्होंने गुहार लगाई है कि इस वर्ग के छात्रों को तुरंत छात्रवृत्ति दी जाए। छात्रवृत्ति घोटाले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एसएफआइ के जिला सचिव रोहित ने बताया कि वर्तमान भाजपा सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार की मंशा इसे उजागर करने से कहीं दबाने की लग रही है। शिक्षा विभाग ने गृह विभाग के जरिए इस मामले की जांच सीबीआई को देने की कवायद शुरू की थी, लेकिन वो अब तक इस विषय पर पूरी तरह मौन है। मामले की जांच कर रही शिमला पुलिस भी इस मामले पर संजीदगी से कार्य नहीं कर रही है। छात्र समुदाय इस मामले की जांच को सीबीआइ से करवाने की कवायद को लेकर प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग से मिल चुका है। इसके बावजूद अब तक जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। छात्रवृत्ति मामले में की जा रही लेटलतीफी यह दर्शाती है कि प्रदेश सरकार इस भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार भी इस वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति पिछले तीन वर्षों से मुहैया नहीं करवा पा रही है। एससी/एसटी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति लंबित पड़ी है। इस कारण 71,36,934 छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले की तुरंत जांच करवा कर दोषियों के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई की जाए। बकाया छात्रवृत्ति लाभार्थियों तो तुरंत प्रदान करे। इस अवसर पर राज्य उपाध्यक्ष लक्की भारद्वाज, कृष्ण, हरीश, नीरज व दुष्यंत आदि सदस्य मौजूद रहे।