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मंदिर न कोई निशान, ऐसे देवता को अब नहीं मिलेगा सम्मान

शिवरात्रि महोत्सव में मेहमान नहीं रहेंगे। ऐसे पंजीकृत देवी देवताओं को अब प्रशासन से मिलने वाले नजराने से हाथ धोना पड़ेगा। सर्व देवता समिति पंजीकरण सूची में शामिल ऐसे देवी देवताओं का रिकार्ड खंगालने में जुट गई है। धरातल पर देवता का मंदिर व अन्य कोई निशान नहीं पाए जाने पर समिति प्रशासन से ऐसे देवताओं का पंजीकरण रद्द करने की अनुशंसा करेगी। करीब बीस देवी देवताओं का पंजीकरण रद्द होने की संभावना है। शिवरात्रि महोत्सव में भाग लेने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 216 पंजीकृत देवी देवताओं को निमंत्रण दिया जाता है। लेकिन देखने में आया है कि शिवरात्रि में हर साल 190 के करीब देवी देवता ही महो

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 06:39 PM (IST)
मंदिर न कोई निशान, ऐसे देवता को अब नहीं मिलेगा सम्मान
मंदिर न कोई निशान, ऐसे देवता को अब नहीं मिलेगा सम्मान

सुरेंद्र शर्मा, मंडी

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न मंदिर और न ही कोई निशान वाले देवी-देवता अब अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में मेहमान नहीं रहेंगे। ऐसे पंजीकृत देवी-देवताओं को अब प्रशासन नजराना नहीं देगा। सर्व देवता समिति पंजीकरण सूची में शामिल ऐसे देवी-देवताओं का रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है। धरातल पर देवता का मंदिर व अन्य कोई निशान नहीं पाए जाने पर समिति प्रशासन से ऐसे देवताओं का पंजीकरण रद करने की अनुशंसा करेगी। इससे 20 देवी-देवताओं का पंजीकरण रद हो सकता है।

शिवरात्रि महोत्सव में भाग लेने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 216 पंजीकृत देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाता है। लेकिन हर साल 190 के करीब देवी-देवता ही महोत्सव की शोभा बढ़ाने पहुंचते हैं। हालांकि कुछ प्राचीन व पंजीकृत देवी-देवता अपरिहार्य कारणों से शिवरात्रि में शिरकत नहीं कर रहे है, लेकिन इनके कारदार सर्व देवता समिति व जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। देव समाज का प्रतिनिधित्व करने वालों के पास कुछ ऐसे देवताओं के बारे में सूचना मिली है जिनका वर्तमान में न कोई मंदिर, न रथ तथा कोई अन्य निशान है। शिवरात्रि महोत्सव में प्रशासन सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए सभी पंजीकृत देवी-देवताओं को उपहार व नजराना भेंट कर रहा है। ऐसे में उनको भी प्रशासन द्वारा नजराना भेजा जाता है।

सर्व देवता समिति पंजीकृत देवी-देवताओं की सूची को संशोधित करने से पहले ऐसे सभी देवी देवताओं के मंदिर व अन्य निशान आदि का धरातल पर रिकॉर्ड खंगाल रही है। सर्व देवता समिति के पास करीब 100 देवी-देवता के पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, लेकिन शिवरात्रि में देवता व देवलुओं के रात्रि ठहराव के लिए आवासीय सुविधा के अभाव के कारण इनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे देवी देवताओं की प्रबंधन कमेटियों को एक साल से पंजीकरण के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। रिकॉर्ड खंगालने पर 20 देवी-देवताओं का पंजीकरण रद हो जाएगा। उनके स्थान पर मानकों की कसौटी पर खरा उतरने वाले अन्य देवी-देवताओं का पंजीकरण करने का रास्ता भी खुल जाएगा।

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ऐसे देवता जिनका वर्तमान में कोई मंदिर व अन्य निशान मौजूद नहीं है ऐसे पंजीकृत देवी-देवता का रिकॉर्ड खंगाल जा रहा है। इन्हें सूची से बाहर करने की जिला प्रशासन से अनुशंसा की जाएगी। जल्दी प्रक्रिया पूरी कर प्रशासन को सूची सौंपी जाएगी।

-शिवपाल शर्मा, अध्यक्ष सर्व देवता समिति जिला मंडी।


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