गोबिंदसागर की जलभराव क्षमता 2568 मिलियन क्यूबिक मीटर घटी, BBMB ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक, ...तो हो सकता है बिजली संकट
गोबिंदसागर जलाशय की जलभराव क्षमता में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिसके चलते भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। जलभराव में क ...और पढ़ें

झील में जमा गाद, इस कारण विद्युत उत्पादन पर असर पड़ रहा है।
हंसराज सैनी, मंडी। भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) अपनी पन विद्युत परियोजनाओं में गाद निकासी की कोई पुख्ता योजना न होने का खामियाजा भुगत रहा है। बीबीएमबी भाखड़ा, पौंग और डैहर पावर हाउस में होने वाले बिजली उत्पादन से प्रतिदिन करोड़ों रुपये का राजस्व अर्जित करता है।
तीनों प्रोजेक्ट इस समय गाद की मार झेल रहे हैं। गाद से भाखड़ा बांध के गोबिंद सागर जलाशय की भंडारण क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है।
भंडारण क्षमता हो गई कम
भाखड़ा बांध में 1963 में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। प्रोजेक्ट का कुल कैचमेंट क्षेत्र 56880 वर्ग किलोमीटर है और गोबिंद सागर झील की प्रारंभिक भंडारण क्षमता 9867.84 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) थी। केंद्रीय जल आयोग की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार गाद के कारण भंडारण क्षमता 2568 मिलियन क्यूबिक मीटर कम हुई है।
हर वर्ष कम हो रही क्षमता
भंडारण क्षमता हर वर्ष 0.43 प्रतिशत कम हो रही है। गाद हर वर्ष 0.75 वर्ग किलोमीटर की दर से जमा हो रही है। संसद में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में चार दिसंबर को केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने यह बात मानी है। भंडारण क्षमता कम होने से पानी के दबाव से भाखड़ा बांध में झुकाव की समस्या बढ़ती जा रही है।
बीएसएल प्रोजेक्ट 19 नवंबर से बंद
पानी का दबाव कम करने के लिए बीबीएमबी को 990 मेगावाट क्षमता के ब्यास सतलुज लिंक प्रोजेक्ट (बीएसएल) प्रोजेक्ट 19 नवंबर को बंद करना पड़ा था। यह प्रोजेक्ट अब भी बंद है। प्रोजेक्ट के जलाशय में पूरी तरह से गाद भरी पड़ी है। सुंदरनगर संतुलन जलाशय में पानी भंडारण की क्षमता न के बराबर रही है। गाद से डैहर पावर हाउस की मशीनरी व उपकरण प्रभावित हुए हैं। अब प्रोजेक्ट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए पहाड़ जैसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी शुक्रवार शाम डैहर पावर हाउस पहुंचे वहां अधिकारियों से उच्चस्तरीय बैठक की और वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
कोल बांध ने 10 वर्ष से थाम रखी है गाद
मंडी व बिलासपुर जिले की सीमा पर बने सतलुज नदी पर बने 800 मेगावाट क्षमता के एनटीपीसी कोल बांध ने 10 वर्ष से गाद थाम रखी है अन्यथा स्थिति और विकराल होती। कोल बांध की प्रारंभिक जल भंडारण क्षमता 560 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसकी भंडारण क्षमता 111 मिलियन क्यूबिक मीटर कम हुई है। कोल बांध में हर वर्ष 2.51 वर्ग किलोमीटर की दर से गाद जमा हो रही है।
पौंग बांध की क्या है स्थिति
पौंग बांध का कैचमेंट क्षेत्र 12562 वर्ग किलोमीटर में फैला है। आरंभिक भंडारण क्षमता 8579 मिलियन क्यूबिक मीटर आंकी गई थी। गाद से 1068.88 मिलियन क्यूबिक मीटर कम हो चुकी है। पौंग बांध जलाशय में हर वर्ष 1.93 वर्ग किलोमीटर की दर से गाद जमा हो रही है।
भूमि कटाव रोकने के लिए कोई योजना नहीं
तीनों प्रोजेक्टों के कैचमेंट क्षेत्र में बीबीएमबी ने भूमि कटाव रोकने के लिए कोई योजना नहीं बनाई। कैचमेंट ट्रीटमेंट प्लान फाइलों से बाहर नहीं निकला। अब गाद चुनौती बनकर सामने खड़ी हो गई है। भाखड़ा बांध में बार-बार हो रहे झुकाव को विशेषज्ञ खतरे की घंटी बता चुके हैं। बीबीएमबी अब जलस्तर कम कर बांध को बचाने का प्रयास कर रहा है।
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गोबिंद सागर झील
- प्रारंभिक भंडारण क्षमता 9867.84 मिलियन क्यूबिक मीटर, गाद से 2568 मिलियन क्यूबिक मीटर की कमी
- हर वर्ष 0.75 वर्ग किलोमीटर की दर से जमा हो रही गाद
पौंग बांध जलाशय
- प्रारंभिक भंडारण क्षमता 8579 मिलियन क्यूबिक मीटर, गाद से 1068.88 मिलियन क्यूबिक मीटर की कमी
- हर वर्ष 1.93 वर्ग किलोमीटर की दर से जमा हो रही गाद
कोल बांध
- प्रारंभिक जल भंडारण क्षमता 576 मिलियन क्यूबिक मीटर, गाद से 111 मिलियन क्यूबिक मीटर की कमी
- हर वर्ष 2.51 वर्ग किलोमीटर की दर से जमा हो रही गाद

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