लापता लोगों को खोजने में मदद करेगा ये एप, जानिए इसकी खासियत
Go hyder app. कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी के ऑटोमोबाइल इंजीनियर कमल कुमार ने गो हाइडर मोबाइल एप विकसित किया है।
सुंदरनगर, राजनीश हिमालयन। गो हाइडर मोबाइल एप लापता लोगों को खोजने के साथ-साथ चल-अचल संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद करेगा। कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी के ऑटोमोबाइल इंजीनियर कमल कुमार ने गो हाइडर मोबाइल एप विकसित किया है।
ऑटोमोबाइल इंजीनियर कमल का दावा है कि इसके माध्यम से कुछ सेकेंड में लापता व्यक्ति की जानकारी उसके परिजनों तक पहुंचाई जा सकती है। गो हाइडर एप व्यक्तियों और उनके परिवारों, उनकी व्यक्तिगत संपत्ति के साथ आंतरिक सुरक्षा में भी मदद करेगा। इसके माध्यम से युवाओं में शराब और ड्रग्स के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। कमल का दावा है कि आधार कार्ड से जो नहीं हो सकता वह इस एप के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।
पंजीकरण पर मिलेगा यूनिक कोड
कमल ने बताया कि एप में पंजीकरण करने वाले व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों को आधार नंबर की तरह यूनिक कोड दिया जाएगा। इसकी मदद से पंजीकृत व्यक्तियों में से लापता होने वाले व्यक्ति का फोटो खींच कर एप में अपलोड करने पर तुरंत संबंधित व्यक्ति के बारे में जानकारी उसके परिवार तक पहुंच जाएगी। ऐसा ही सामान खो जाने पर भी सामान पर पहले से चिपकाए गए नंबर को एप के माध्यम से स्कैन करने पर इसकी लोकेशन और जानकारी तुरंत उसके मालिक तक पहुंच जाएगी।
ये भी हैं विषेशताएं
एप से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने व छिपी प्रतिभाओं को मंच दिलाने में मदद मिलेगी। एप से पर्यावरण सुरक्षा और गरीबों की मदद हो सकेगी। महिला सशक्तीकरण, आइडी का खुलासा किए बिना व्यक्तिगत, महत्वपूर्ण समस्याओं पर पेशेवर सलाह, कारों, गैजेट्स जैसी व्यक्तिगत चल-अचल संपत्ति को सुरक्षित रखना, अचल संपत्तियों जैसे घर और अन्य फिक्स संपत्तियों को सुरक्षित करना आदि विशेषताएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री से एप लांच करवाने की तैयारी
गो हाइडर एप तैयार करने वाले कमल कुमार इसकी लांचिंग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से करवाने की तैयारी कर रहे हैं। लांचिंग को लेकर मुख्यमंत्री से समय निर्धारित करने के लिए औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं।
गो हाइडर एप में लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगा। यूनिक आइडी के माध्यम से यह एप लापता लोगों को खोजने, संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी। सामान खोने पर उसकी जानकारी उसके मालिक तक एप के माध्यम से पहुंचेगी। यह सब संभव होगा एप पर पंजीकृत लोगों को दी गई यूनिक आइडी से।
-कमल कुमार, ऑटोमोबाइल इंजीनियर।