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लागत से आठ करोड़ अधिक खर्च पर काम 40 फीसद अधूरा

जागरण संवाददाता, मंडी : मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों को अभी कम से कम दो साल अ

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 06:58 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 06:58 PM (IST)
लागत से आठ करोड़ अधिक
खर्च पर काम 40 फीसद अधूरा
लागत से आठ करोड़ अधिक खर्च पर काम 40 फीसद अधूरा

जागरण संवाददाता, मंडी : मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों को अभी कम से कम दो साल और हिचकोले खाने होंगे। कीरतपुर से नागचला तक राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में अपग्रेड करने का कार्य तीन माह से पूरी तरह बंद है। फोरलेन का सपना कब पूरा होगा? इसका जवाब न सरकार के पास है और न ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास।

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वित्तीय संकट से जूझ रही फोरलेन निर्माण कार्य कर रही मुख्य नियोक्ता कंपनी कंगाल हो चुकी है। कंस्ट्रक्शन कंपनी को कोई भी बैंक ऋण देने को तैयार नहीं है। आलम यह है कि कंपनी के पास काम कर चुके ठेकेदारों को चार माह से पैसे का भुगतान नहीं हुआ है। मुख्य नियोक्ता ने दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम सबलेट किया था। उस कंपनी ने भी घर की राह पकड़ ली है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मुख्य नियोक्ता को ऋण देने की हामी भरी थी, लेकिन मामला फाइलों से आगे नहीं बढ़ पाया।

दो साल में कार्य पूरा करने की तय अवधि चार बार बढ़ चुकी है। अब नया लक्ष्य अप्रैल 2019 रखा गया है, लेकिन जिस धीमी गति से कार्य चल रहा है। इससे निर्माण कार्य अप्रैल 2019 तक पूरा होने की संभावना पर पानी फिर चुका है। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत में आठ करोड़ से अधिक का इजाफा हो चुका है। अभी 40 फीसद से अधिक कार्य शेष है।

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2012 में शुरू हुआ है काम :

फोरलेन का कार्य 14 नंवबर 2012 को अवार्ड हुआ था। अनुमानित लागत 2291 करोड़ रुपये आंकी गई थी। निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य 12 नंवबर 2016 रखा गया था। अब तक 2299.75 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। मई में पूरे प्रोजेक्ट में 0.38 फीसद कार्य हुआ है। कमोवेश यही हालत जून में हैं। फोरलेन कार्य की निगरानी कर रही टीपीएफ कंपनी ने निर्माण कार्य की प्रगति की जो रिपोर्ट सौंपी हैं। वह बेहद चौंकाने वाली है। मुख्य नियोक्ता पहले भूमि हस्तांतरण व पर्यावरण मंजूरी का रोना रोते थे। अब भूमि पूरी तरह से हस्तांतरित हो चुकी है। बावजूद इसके निर्माण कार्य पूरी तरह बंद है।

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सुरंगों का काम बिल्कुल धीमा :

कीरतपुर से नागचला की दूरी वर्तमान में 120 किलोमीटर के करीब है। इस दूरी को तय करने में अभी पांच घंटे से अधिक का समय लगता है। फोरलेन बनने से यह दूरी घटकर 84 किलोमीटर रह जाएगी, सफर महज दो घंटे में तय होगा। इस मार्ग को फोरलेन में अपग्रेड करने के लिए 24 बड़े व 18 छोटे पुल बनेंगे। दो बाइपास, सुंदरनगर व डडौर में बनेंगे। पांच यातायात सुरंगों से होकर फोरलेन गुजरेगा। सुरंग का निर्माण कार्य मई में महज 0.22 फीसद हुआ है। सुरंगों का कार्य पूरा करने में दो साल से ज्यादा का समय लग सकता है।

-------- कीरतपुर-नागचला फोरलेन के धीमी गति से हो रहे कार्य का मामला केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उठाया गया है। निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर पूरा करने के निर्देश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिए गए हैं।

-रामस्वरूप शर्मा, सांसद, मंडी संसदीय क्षेत्र।


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