कुन्नू का कचौटधार जंगल चढ़ा आग की भेंट
पद्धर : द्रंग क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
सहयोगी, पद्धर : द्रंग क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वन विभाग भी बिना संसाधनों के आग पर काबू पाने में बेबस नजर आ रहा है। रविवार रात्रि को वन बीट कुन्नू के अधीन आग लगने से कत्यूर टीला जंगल जलने के बाद सोमवार रात्रि को कचौटधार जंगल अचानक आग से भड़क गया।
यहां वन विभाग के कर्मी स्थानीय ग्रामीणों के साथ आग पर काबू पाने के लिए भरसक प्रयास करते रहे लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। जंगल में आग से बान और चीड़ के सैकड़ों पेड़ राख हो गए। जबकि रात के समय पेड़ों में आसरा लिए बेजुबान पशु-पक्षी भी आग की भेंट चढ़ गए।
ग्रामीणों की मानें तो जंगल में आग बुझाने के लिए कोई संसाधन नहीं होते हैं जिस कारण आंखों के सामने वन संपदा तबाह हो रही है।
स्थानीय ग्रामीणों में ललित कुमार, सुरेश कुमार, लेख राम, पदम ¨सह, भोला राम, पूर्ण चंद, अनिल कुमार और मोहन ¨सह ने बताया कि सड़क मार्ग से अत्यधिक दूरी के कारण फायरब्रिगेड का वाहन किसी काम नहीं आ पाता। जबकि आग पर काबू पाने के लिए पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं होती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विभाग को आग लगने की सूचना समय पर दिए जाने बाद भी महकमे के कर्मचारी लेट लतीफी बरतते हैं।
उधर, वन उपराजिक बहादुर ¨सह ने कहा कि कत्यूर टीला जंगल में आग पर काबू पाने के बाद किसी शरारती तत्व ने कचौटधार जंगल में आग लगा दी। यहां लगभग चार हेक्टेयर जंगल में वन संपदा तबाह हो गई। विभागीय कर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। उन्होंने कहा कि घटना की पुलिस थाना पद्धर में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।