किसानों को परंपरागत खेती के दिए टिप्स
का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 100 किसानों ने भाग लिया और जीरो बजट खेती के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की । इस मौके पर कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डा. रणजीत वर्मा ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को अपनी पुरानी तकनीक को ही अपनाना चाहिए। जिन कीटनाशक द
सहयोगी, धर्मपुर : धर्मपुर में जीरो बजट खेती पर रविवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें करीब 100 किसानों ने भाग लिया और जीरो बजट खेती की जानकारी प्राप्त की। कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. रणजीत वर्मा ने कहा कि किसानों को पुरानी तकनीक को अपनाना चाहिए। जिन कीटनाशक दवा का छिड़काव किसान रहे हैं। उससे बीमारियां पैदा हो रही हैं। कम लागत से स्थानीय तौर पर उपलब्ध पदार्थों और तकनीकों द्वारा किसान खाद्य उत्पादनों को किसान किस हद तक सुधार कर सकता है इस संदर्भ में हमारे किसानों का मानसिक दृष्टिकोण में एक बदलाव की आवश्यकता है। इस प्रकार की खेती में रासायनिक खादों व दवाओं की जगह देसी गाय का गोबर व अन्य विभिन्न देसी जड़ी बूटियों द्वारा जो स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है उनके कई तरह के अर्क बनाकर इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। मिट्टी के अंदर बहुत से सूक्ष्म जीव करोड़ों की संख्या में उपलब्ध रहते हैं। अभी तक रासायनिकों का ज्यादा प्रयोग होने से उनकी तादात बहुत कम हो गई है। किसानों की खेती में लागत बढ़ रही है, खर्चा बढ़ रहा है लेकिन उत्पादन नहीं बढ़ रहा है। जिसकी वजह से उसका मन खेती से दूर हो रहा है। कार्यशाला संचालक डॉ. नेहा शर्मा एबीटीएम, डॉ. अजय शर्मा, एसएमएस बागवानी विभाग डॉ. बलदेव भारद्वाज, आब्जर्वर डॉ. धर्मपाल की देखरेख में कार्यशाला का समापन हुआ।