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अब मच्छर नहीं मार सकेंगे मलेरिया व डेंगू का डंक

संक्रामक बीमारियों की होगी गणितीय मॉडलिंग, प्रदूषण से कैसे बढ़ता है रोग होगा अध्ययन।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 12:56 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 12:56 PM (IST)
अब मच्छर नहीं मार सकेंगे मलेरिया व डेंगू का डंक
अब मच्छर नहीं मार सकेंगे मलेरिया व डेंगू का डंक

मंडी, हंसराज सैनी। पर्यावरण प्रदूषण से मलेरिया, डेंगू व हैजा जैसी बीमारियां नहीं फैलेंगी। पर्यावरण प्रदूषण से परजीवी, वायरस व जीवाणुओं में रोग गतिशीलता कैसे बढ़ती है, देश में पहली बार इसका अध्ययन होगा। विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी को 22 लाख रुपये का प्रोजेक्ट सौंपा है। 

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रोग गतिशीलता का पता चलने से परजीवी, वायरस व जीवाणुओं को समय रहते निष्क्रिय किया जा सकेगा। इन बीमारियों को फैलाने वाले परजीवियों की गणितीय मॉडलिंग होगी। मलेरिया प्रोटोजोआ परजीवी के प्लास्मोडियम गण के कारण फैलता है। मादा मच्छर एनोफिलीज वाहक का काम करता है। मादा मच्छर के काटने से मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं। मच्छर बरसात के दौरान खुले स्थानों में इकट़ठे होने वाले गंदे पानी में पनपता है। प्रदूषित पानी में मलेरिया परजीवी में रोग गतिशीलता कैसे बढ़ती है, इस जानकारी का अब भी अभाव है। डेंगू बीमारी एडिज इजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर मनुष्य को काटने के दौरान डेंगू वायरस शरीर के अंदर छोड़ देता है। मच्छर साफ पानी के अंदर पनपता है। यह भी एक वेक्टर जन्य बीमारी है। 

पानी में वेक्टर यानी परजीवी, वायरस व जीवाणु कैसे विकसित होता है। इसके पीछे क्या-क्या कारक प्रमुख हैं। गणितीय मॉडङ्क्षलग व रोग गतिशीलता में इन सब बातों पर शोध होगा। प्रदेश में हर साल मलेरिया व डेंगू बीमारी की चपेट में सैकड़ों लोग आते हैं। इससे कई लोगों की हर साल मौत होती है। फोगिंग पर करोड़ों रुपये फूंके जाते हैं। 

क्या हैं रोगवाहक 

ऐसे प्राणी जो रोगजनक विषाणु, वायरस व परजीवी को अपने साथ लेकर जाकर उसे निरोग जीव में फैलाकर उसे रोग ग्रसित कर देते हैं। वे वाहक कहलाते हैं। इनमें मच्छर व मक्खी सबसे प्रमुख रोगवाहक हैं। 

गणितीय मॉडलिंग 

इसमें संक्रामक रोगों की गतिशीलता का अध्ययन किया जाता है। डाटा एकत्र कर विश्लेषण व मूल्यांकन किया जाता है। 

पर्यावरण प्रदूषण से विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। लेकिन पर्यावरण प्रदूषण में संक्रामक बीमारियों को फैलाने वाले परजीवी, वायरस व जीवाणुओं में रोग गतिशीलता कैसे विकसित होती है। इसको लेकर पूरी तरह से अध्ययन नहीं हुआ है। परजीवी, वायरस व जीवाणुओं की रोग गतिशीलता को समय रहते निष्क्रिय करने से मलेरिया व डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों को रोकने व पूरी तरह जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी। 

-डॉ. नीतू कुमारी, सहायक प्रोफेसर स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज आइआइटी मंडी   


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