सबने किया किनारा तो डा. सोम, डा. शशि बने सहारा
मुकेश मेहरा मंडी कोरोना काल में जब अपने भी साथ नहीं दे रहे थे। प्रदेश के कई अस्पता
मुकेश मेहरा, मंडी
कोरोना काल में जब अपने भी साथ नहीं दे रहे थे। प्रदेश के कई अस्पतालों से कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिलाओं को नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा था। उस समय नेरचौक मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग के डा. सोम प्रकाश व डा. शशिकांत टीम के साथ फ्रंटलाइन वॉरियर के रूप में मोर्चे पर डटे रहे। चिकित्सकों ने कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिलाओं का सफल प्रसव करवाया। जच्चा-बच्चा की देखभाल की और खुद को भी संक्रमण से बचाया। कोरोना काल में डा. सोम प्रकाश व डा. शशिकांत ने 50 से अधिक गर्भवती महिलाओं के सीजेरियन किए। पीपीई किट में पसीना-पसीना होने के बावजूद टीम के साथ वे काम पर डटे रहे।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 100 के प्रसव कोरोना कॉल में हुए हैं। इनमें मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू और कांगड़ा की गर्भवती महिलाओं को यहां लाया गया था। पहला सीजेरियन मई में हुआ। उसके बाद यह सिलसिला चलता रहा।
बकौल डा. सोम प्रकाश व डा. शशिकांत, छठी मंजिल पर ऑपरेशन थियेटर था। पीपीई किट पहनने व गर्मी की वजह से दिक्कत होती थी। जब टीम के साथ ऑपरेशन के लिए जाते तो पसीना और घुटन से हालत खराब हो जाती। कई बार तो लगता था पांव में कीचड़ में है, लेकिन सामने दो जिंदगियों को बचाने का लक्ष्य होता था। पूरी टीम को खुशी तब होती थी जब सफल प्रसव हो जाता था। 50 ऑपरेशन करने के बावजूद दोनों डॉक्टर खुद भी कोरोना से बचे रहे। डा. सोम प्रकाश का आठ व डा. शशि का सात बार कोरोना टेस्ट हुआ, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव रही।
----------
इन डाक्टरों ने भी संभाला मोर्चा
गर्भवती महिलाओं का सीजेरियन करने में डा. अनु, डा. अनिल और डा. सूची ने पूरा सहयोग दिया। इन्होंने 37 आपरेशन किए। अधिकतर प्रसव में संक्रमित महिला से उनके बच्चों को कोरोना होने का मामला नहीं आया।
-------
कोरोना काल में नेरचौक मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग विभाग के डा. सोम प्रकाश, डा. शशिकांत सहित अन्य चिकित्सकों ने बेहतरीन कार्य किया है।
-डा. जीवानंद चौहान, चिकित्सा अधीक्षक नेरचौक मेडिकल कॉलेज।