कार्यशाला में आपदा प्रबंधन के दिए टिप्स
संवाद सहयोगी, मंडी : सूखा, बाढ़, चक्रवाती तूफान, भूकंप, भूस्खलन, आगजनी जैसी विभिन्न प्रकार की
संवाद सहयोगी, मंडी : सूखा, बाढ़, चक्रवाती तूफान, भूकंप, भूस्खलन, आगजनी जैसी विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है और न ही रोका जा सकता है। लेकिन आपदा प्रबंधन के माध्यम से कम किया जा सकता है। यह बात उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बुधवार को यहां आपदा प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि आपदा के समय संयम से काम करते हुए प्रभावितों को राहत पहुंचाई जानी चाहिए। आपदा प्रबंधन के दो महत्वपूर्ण पहलूओं के रूप में जाना जाता है। आपदा के खतरे जोखिम व शीघ्र चपेट में आने वाली स्थितियों के मेल से पैदा होते हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संबंधितों का आह्वान किया कि कार्यशाला से प्राप्त जानकारी समय पर आवश्यकतानुसार उपयोग में लाएं। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा आपदा से निपटने के उपायों की जानकारी प्राप्त की। कार्यशाला में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी राजीव कुमार भी उपस्थित रहे।