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..फिर विवादों में व्यापार मंडल मंडी के चुनाव

जागरण संवाददाता, मंडी : व्यापार मंडल मंडी के 29 अप्रैल को आयोजित होने वाले चुनाव एक बार फि

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 07:53 PM (IST)
..फिर विवादों में व्यापार मंडल मंडी के चुनाव
..फिर विवादों में व्यापार मंडल मंडी के चुनाव

जागरण संवाददाता, मंडी : व्यापार मंडल मंडी के 29 अप्रैल को आयोजित होने वाले चुनाव एक बार फिर विवाद के घेरे में आ गए हैं। इंदिरा मार्केट व्यापारी यूनियन ने चुनाव को असंवैधानिक करार दिया है। व्यापार मंडल की सदस्यता से शहर के करीब 2000 व्यापारियों को वंचित रखने का आरोप लगा है। इंदिरा मार्केट व्यापारी यूनियन के इस कदम से व्यापारियों के दोफाड़ होने की संभावना प्रबल हो गई है। व्यापार मंडल मंडी के चुनाव करीब दो दशक बाद हो रहे हैं। अब तक व्यापार मंडल खाता न बही, जो चाचा कहे वही सही की तर्ज पर चल रहा था।

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इंदिरा मार्केट व्यापारी यूनियन के प्रधान सरदार भगवंत ¨सह, महासचिव तिलक राज शर्मा व सलाहकार अशोक शर्मा का कहना है कि शहर के व्यापारियों ने जब अपने स्तर पर व्यापार मंडल के चुनाव करवाने का निर्णय लिया तो इसके बाद दो दशक से बिना चुनाव व्यापार मंडल पर अपना कब्जा जमाए बैठे पदाधिकारियों को व्यापार मंडल के चुनाव करवाने की याद आई। आनन-फानन में पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर चुनाव की घोषणा कर दी गई। तदर्थ समिति के गठन की कोई जानकारी व्यापारियों को नहीं दी गई। सदस्यता के लिए छापी गई रसीद बुक का नियंत्रण किसके पास था। इस बात से व्यापारियों को अवगत नहीं करवाया गया। केवल एक दिन के सदस्यता रसीद बुक चार चु¨नदा स्थानों पर रखी गई। इंदिरा मार्केट में 234 दुकानें हैं। वहां के व्यापारियों को मांगने के बाद भी सदस्यता रसीद बुक नहीं दी गई। 21 अप्रैल को पांच बजे सदस्यता अभियान की प्रक्रिया बंद कर दी गई। व्यापार मंडल मंडी की सीमा कहां तक है। कौन-कौन व्यापारी इसके सदस्य हो सकते हैं? पूछने पर इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। बहुत से व्यापारियों को जानबूझ कर सदस्यता से वंचित रखा गया। चु¨नदा व्यापारियों को इच्छानुसार सदस्य बनाया गया।

व्यापार मंडल मंडी के पूर्व महासचिव राजेश महेंदू्र का कहना है कि सदस्यता अभियान 40 दिन चला। 20 व 21 अप्रैल को इंदिरा मार्केट में सदस्यता के लिए रसीद बुक दी गई थी। मौके पर जाकर सदस्य बनाए गए हैं व आरोप निराधार हैं।


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