नलसर झील को संवारने से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बल्ह घाटी के नलसर पंचायत में नलसर झील किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं।
सुभाष आहलुवालिया, नेरचौक
बल्ह घाटी के नलसर पंचायत में नलसर झील किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। सभी को अपनी ओर आकर्षित करने वाली इस झील की अपनी एक अलग ही पहचान है। सरकार अगर चाहे तो इस क्षेत्र को एक अच्छे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित कर सकती है।
कमल के फूलों से गुलजार करीब 47 बीघा में फैली इस झील को देखते ही मन मचलने लगता है। मंडी जिला की मनमोहक इस झील पर अगर सरकार व पर्यटन विभाग की मेहरबानी हो जाए तो जिला के केंद्र में होने के कारण एक अच्छा पिकनिक स्थल व पर्यटन स्थल विकसित हो सकता है। अभी तक इस झील को संवारने व इसे विकसित करने के लिए सरकार की तरफ से कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है।
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सुखना झील की तर्ज पर विकसित किया जाए
नलसर झील को चंड़ीगढ की सुखना झील की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो स्थानीय पंचायत व आसपास के क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ होगा। इसमें वोटिंग की जा सकती है। वो¨टग करने से सुंदरनगर, मंडी, नेरचौक सहित आसपास के लोगों के लिए बेहतर पिकनिक स्पाट साबित हो सकता है। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। पंचायत की आय में भी इजाफा होगा। कुछ दूरी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनने से इस झील का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
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अधिक ग्रांट की जरूरत
स्थानीय लोगों का कहना है अगर इस झील को संवारा जाए तो पर्यटक यहां पर आने के लिए मजबूर हो जाएंगे। पर्यटन विभाग ने हालांकि पिछले दिनों इस झील को संवारने के लिए आठ लाख की राशि मंजूर की है। जिसमें से चार लाख की राशि खर्च की जा चुकी है। दूसरी किस्त पंचायत को अभी नहीं मिली है। झील के सुंदरीकरण के लिए आठ लाख रुपये की राशि बहुत कम है।
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झील का धार्मिक महत्व
नलसर झील का धाíमक महत्व है। इसका इतिहास महाभारतकालीन है। महाभारत के युद्ध के पश्चात पांडव महान योद्धा रतनयक्ष (कमरूनाग) को यहां पर स्थापित करना चाहते थे लेकिन अपशकुन होने से यह संभव नहीं हो पाया है। पांडवों ने यहां से प्रस्थान कर कमरूनाग को रोहांडा के निकट पहाड़ी पर स्थापित किया।
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सरकार को पंचायत ने ड्रीम प्रोजेक्ट दिया है जिसमें झील को विकसित करने का प्लान भेजा गया है। झील के चारों ओर पक्की सड़क, लाइटें, सुंदर जाली लगाना शामिल है। इसके साथ बैठने के लिए बेंच लगाने की योजना है। झील के सुंदरीकरण से पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
विनोद ठाकुर, प्रधान, ग्राम पंचायत नलसर