Move to Jagran APP

सरदारी के लिए जंग सारी

हंसराज सैनी मंडी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब जिले के कई दिग्गजों ने ग्रामीण्

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 07:05 PM (IST)
सरदारी के लिए जंग सारी
सरदारी के लिए जंग सारी

हंसराज सैनी, मंडी

loksabha election banner

लोकसभा व विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब जिले के कई दिग्गजों ने ग्रामीण संसद के चुनाव में किस्मत आजमाने का निर्णय लिया है। सरदारी के लिए ये कुछ भी करने को तैयार हैं। इनमें कई दिग्गज दो-दो बार विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। अब जिला परिषद का चुनाव लड़ने का एलान कर मुकाबले में रोचकता के साथ मतदाताओं को भी पसोपेश में डाल दिया है।

इस फेहरिस्त में कुछ ऐसे भी नाम हैं जो निवर्तमान जिला परिषद सदस्य हैं। दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में सफलता के लिए वे जिला परिषद चुनाव को सीढ़ी के रूप में देख रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर ने 2017 का विधानसभा चुनाव सदर हलके से लड़ा था। उस समय वह जिला परिषद की चेयरमैन थीं। विपरीत हालात में भाजपा के अनिल शर्मा को कड़ी टक्कर दी थी, मगर जीत का स्वाद नहीं चख पाई थीं। चंपा ठाकुर धन्यारा से पहले सदर हलके की कोट वार्ड से जिला परिषद सदस्य थी। धन्यारा वार्ड में जनेड़ व कोटली वार्ड का हिस्सा बन चुका हैं। चंपा ठाकुर ने अब स्योग वार्ड से जिला परिषद का चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

माकपा नेता एवं सज्जायोपिपलू वार्ड से जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने 2017 का विधानसभा चुनाव धर्मपुर हलके से लड़ा था, मगर भाजपा दिग्गज महेंद्र सिंह ठाकुर के आगे नहीं टिक पाए थे। पांच साल पहले जिला परिषद के चुनाव में उन्होंने महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी वंदना गुलेरिया को शिकस्त दी थी। अब ग्रयोह वार्ड से जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं।

जलशक्ति विभाग में अधिशाषी अभियंता के पद से कार्यरत हरीश शर्मा को राजनीति का ऐसा चस्का लगा 2007 में नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली। सदर हलके से भाजपा टिकट की दावेदारी जताई। निर्दलीय चुनाव लड़ा। हार का सामना करना पड़ा। 2012 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल लोकहित पार्टी से किस्मत आजमाई फिर सफलता हाथ नहीं लगी। अब जिला परिषद की जनेड़ वार्ड से चुनावी दंगल में कूद गए हैं।

निवर्तमान जिला परिषद उपाध्यक्ष पूर्ण चंद ठाकुर बड़ीधार वार्ड से सदस्य हैं। 2017 का विधानसभा चुनाव द्रंग हलके से लड़ा था। 7700 के करीब वोट लेकर अपने राजनीतिक गुरु कौल सिंह ठाकुर की हार में अहम भूमिका निभाई थी। बड़ीधार वार्ड अब भराडू बन चुकी है, फिर से चुनावी दंगल में उतरने का एलान कर दिया है।

माकपा नेता कुशाल भारद्वाज 2012 व 17 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी। अब जिला परिषद की भराडू वार्ड से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। विधानसभा व लोकसभा चुनाव में इन दिग्गजों को नकार चुकी जनता जिला परिषद चुनाव में कितनी तवज्जो देगी इसका फैसला भी अगले माह हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.