सीबीआइ ने रिश्वत लेते रंगे हाथ धरा ईपीएफओ का ईओ
आरोप था कि वह कई कंपनियों की ईपीएफ देनदारियां कम करने और इंस्पेक्शन रिपोर्ट पक्ष में करने के बदले रिश्वत की मांग कर रहे थे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के प्रवर्तन अधिकारी (ईओ) दुर्गा सिंह संघैक और 108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली जीवीके कंपनी के कर्मचारी रवि कुमार को सीबीआइ ने भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि कंपनी की भविष्य निधि (पीएफ) की देनदारियां कम करने की एवज में अधिकारी 80 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। उसे सीबीआइ ने रंगे हाथ पकड़ा है।
जांच एजेंसी ने रिश्वत देने और लेने वाले दोनों लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत शिमला ब्रांच में केस दर्ज किया है। आरोपित अधिकारी बद्दी में और कंपनी कर्मी सोलन के धर्मपुर स्थित कार्यालय में कार्यरत है। मामले की सूचना दिल्ली स्थित मुख्य सतर्कता अधिकारी को भी दे दी गई है। सीबीआइ को गोपनीय सूचना मिली थी कि इपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी जीवीके कंपनियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र रच रहे हैं।
आरोप था कि वह कई कंपनियों की ईपीएफ देनदारियां कम करने और इंस्पेक्शन रिपोर्ट पक्ष में करने के बदले रिश्वत की मांग कर रहे थे। अधिकारी ने गत 30 मई को धर्मपुर का दौरा किया था। यह दौरा कंपनी की पीएफ देनदारियों की इंस्पेक्शन करने के मद्देनजर किया गया था। 18 जून को रवि ने दुर्गा सिंह को रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 80 हजार रुपये ऑफर किए। दूसरी किस्त 21 जून को दी जानी थी। यह पूरा घटनाक्रम सीबीआइ के रडार पर था। इस पुख्ता सूचना के आधार पर दबिश दी गई।
इस दौरान दो आरोपितों को रिश्वत देते और लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए। आरोपित दुर्गा सिंह का फैमिली क्वार्टर शिमला के कसुम्पटी में हैं। एंबुलेंस सेवा से जुड़ी है कंपनी जीवीके कंपनी देशभर में 108 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़ी है। इस कंपनी के कर्मचारी के रिश्वतखोरी मामले में पकड़े जाने से कंपनी की साख पर सवाल उठे हैं। इस कंपनी के साथ पूर्व कांग्रेस सरकार ने करार किया था।