छह माह में सुविधाएं न जुटाई तो नहीं होगा पंजीकरण
सुरेंद्र शर्मा, मंडी मंडी जिला के चैलचौक व तल्याहड़ स्थित बाल आश्रमों को नियमित पंजीकरण क
सुरेंद्र शर्मा, मंडी
मंडी जिला के चैलचौक व तल्याहड़ स्थित बाल आश्रमों को नियमित पंजीकरण के लिए बाल कल्याण समिति ने छह माह का अल्टीमेटम दिया है। कुछ समय से अस्थायी पंजीकरण पर चल रहे बाल आश्रमों के संचालकों ने स्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। बाल आश्रमों में आधारभूत ढांचा व सुविधाओं का बाल कल्याण समिति निरीक्षण करेगी। कसौटी पर खरा उतरने के बाद स्थायी पंजीकरण होगा।
पूर्व में बाल आश्रमों का पंजीकरण सोसायटी एक्ट के तहत किया जाता था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने प्रदेश सरकार को बाल आश्रमों का पंजीकरण जुवेनाइल एक्ट के तहत करने के आदेश दिए थे। चैलचौक व तल्याहड़ बाल आश्रम के संचालक समय पर औपचारिकता पूरी नहीं कर पाए थे। इस कारण पंजीकरण रद कर दिया गया था।
चैलचौक के बाल आश्रम में निरीक्षण के दौरान कई खामियां उजागर हुई थी। लेकिन अब आश्रम के संचालकों ने बाल कल्याण समिति के पास दोबारा आश्रम को शुरू करने का आग्रह किया है। पंजीकरण के लिए भी आवेदन किया गया है। बाल कल्याण समिति ने दोनों बाल आश्रमों का छह माह का अस्थाई पंजीकरण किया है। समिति की ओर से आश्रम के संचालकों को आश्रम में आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाने तथा यहां पर उपलब्ध करवाई जाने वाली आवास, भोजन के अलावा अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करने के लिए छह माह का समय दिया है। इस अवधि में संचालक को मानकों के अनुरूप सुविधाएं जुटानी होंगी। संचालक अगर मानकों की कसौटी पर खरा नहीं उतरेंगे तो बाल आश्रम का पंजीकरण नहीं होगा। दोनों आश्रमों में करीब दस-दस बच्चों को आश्रय मिला हुआ है। निजी संस्थाओं की ओर से संचालित बाल आश्रमों का पंजीकरण होने के बाद सरकार की ओर से मदद मिल सकेगी।
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बाल आश्रमों के संचालकों ने स्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। संचालकों को आधारभूत ढांचा व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए समय दिया गया है। मानकों पर खरा उतरने के बाद स्थायी पंजीकरण होगा। बच्चों के आवास व खानपान समेत अन्य सुविधाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
-दुनी चंद, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, मंडी।