छोटी काशी महोत्सव का शुभारंभ, जानें मंडी काे क्यों दिया गया ये खास नाम
हिमाचल के मंडी में तीन दिवसीय छोटी काशी महोत्सव का शुभारंभ किया गया छोटी काशी के गौरव के संरक्षण में भी यह महोत्सव अहम भूमिका निभाएगा।
मंडी, जेएनएन। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा मेले व त्योहार भावी पीढ़ी के लिए प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। लोगों में अपने देवी-देवताओं के प्रति धार्मिक आस्था की भावना भी उजागर करते हैं। मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर तीन दिवसीय छोटी काशी महोत्सव का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी में काफी संख्या में मंदिर होने के कारण इस शहर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है।
इस महोत्सव के आयोजन से शहर की समृद्ध संस्कृति का संरक्षण व संर्वधन करने में सहायता मिलेगी। मंडी का शिवरात्रि महोत्सव अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है। सांस्कृतिक विविधता व विशिष्टता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हमें अपनी पुरातन संस्कृति, रीतिरिवाजों व मान्यताओं को बनाए रखना है, क्योंकि वही समाज फलता-फूलता है जो अपनी रीति-रिवाजों और संस्कृति को संजोकर रखता है। इस उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, मंडी चित्रकला, कला और शिल्प स्टॉल, ब्यास आरती, लेजर शो, खाद्य उत्सव आदि विशेष आकर्षण होंगे।
सरकार मंडी शहर को आकर्षक पर्यटक स्थल बनाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। यह महोत्सव छोटी काशी के गौरव के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा। इस मौके पर उत्साह और उमंग के साथ हजारों परंपरागत ढोल वादकों ने एक साथ तालबद्ध होकर वातावरण को संगीतमय बनाया।
मुख्यमंत्री ने भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित मंडी के छोटी काशी मंदिर पर आधारित ‘आज पुरानी राहों से’ और ‘हिस्ट्री ऑफ मंडी स्टेट’ पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं, बोर्ड तथा निगमों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। उपायुक्त मंडी एवं महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य छोटी काशी की समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को संजोना तथा उजागर करना है।
मुख्यमंत्री ने डाली नाटी
छोटी काशी महोत्सव के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जमकर नाटी डाली। महोत्सव का पूरा आनंद उठाया। मुख्यमंत्री के साथ द्रंग हलके के विधायक जवाहर ठाकुर, राकेश जम्वाल, इंद्र्र सिंह गांधी व सांसद रामस्वरूप शर्मा ने भी नाटी में डाली। मुख्यमंत्री ने सराज के नाटी दल का भी साथ दिया। इससे पहले सेरी मंच पहुंचने पर मुख्यमंत्री का पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद देव ध्वनि का आयोजन हुआ।
लोकनृत्य व सिराज नाटी रही आकर्षण
महोत्सव के पहले दिन का मुख्य आकर्षण मंडी के विभिन्न क्षेत्रों के सांस्कृतिक दल, परंपरागत लोक नृत्य तथा सिराज नाटी रही। सांसद रामस्वरूप शर्मा, विधायक अनिल शर्मा, जवाहर ठाकुर, विनोद कुमार, रोकश जम्वाल व इंद्र्र सिंह गांधी, मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष राजबली, महासचिव बाल कल्याण परिषद पायल वैद्य, नगर पंचायत मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव भाषा, कला एवं संस्कृति राम सुभग सिंह, पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा भी इस मौके पर मौजूद रहे।
रूखे भटूरे, झोल पकोड़ू का मजा ले रहे लोग
छोटी काशी महोत्सव में इंदिरा मार्केट की छत पर स्थानीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉल में तरह-तरह के व्यंजन रखे गए हैं। लोग स्थानीय व्यंजनों के खूब चटकारे ले रहे हैं। प्रेरणा स्वयं सहायता समूह ने रूखे भटूरे, झोल पकोड़ू व आलू तथा कद्दू के खट्टे का स्टॉल लगाया है। 50 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से यह व्यंजन परोसा जा रहा है। आम तौर पर यह व्यंजन घरों में त्योहारों या किसी विशेष दिन ही बनाया जाता है। प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की प्रधान सरिता हांडा व सचिव गीता देवी ने बताया कि यह व्यंजन काफी पौष्टिक है। इसके अलावा महोत्सव में कचौरी, लुची, दही भल्ला आदि हर प्रकार के व्यंजनों के स्टॉल लगे हुए है।
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