निजी बस ऑपरेटरों पर बस अड्डा प्रवेश शुल्क की मार
संवाद सहयोगी मंडी कोरोना काल के बीच मंडी-कुल्लू जिले के बस अड्डों में बसों के प्रवेश्
संवाद सहयोगी, मंडी : कोरोना काल के बीच मंडी-कुल्लू जिले के बस अड्डों में बसों के प्रवेश के लिए वसूला जा रहा शुल्क निजी बस ऑपरेटरों पर भारी पड़ रही है। प्रदेशभर में किसी भी बस अड्डे में बस के प्रवेश पर 70 से 90 रुपये वसूले जाते हैं। इससे ऑपरेटरों की परेशानी बढ़ रही है।
मंडी जिले में 450 निजी बसें हैं। इनमें से अभी 60 बसें दौड़ रही हैं। बसों में सवारियां भी कम हैं। तेल का किराया भी पूरा नहीं हो रहा है। बसें करीब तीन माह से खड़ी थीं। निजी ऑपरेटर घाटे के बावजूद बसें चला रहे हैं। मंडी, सुंदरनगर, सरकाघाट, जोगेंद्रनगर, करसोग सहित कुल्लू जिले के बस अड्डों में वसूला जा रहा प्रवेश शुल्क बस ऑपरेटरों को खल रहा है।
निजी ऑपरेटरों का कहना है कि वे एक जुलाई से हड़ताल पर नहीं जाएंगे। बसों की आवाजाही सड़कों पर सुचारू रहेगी। लोगों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बस अड्डों पर प्रवेश शुल्क न लेने की मांग की है।
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पंजाब की तर्ज पर न्यूनतम किराया हो 10 रुपये
ऑपरेटरों का तर्क है कि हिमाचल में भी पंजाब की तर्ज पर न्यूनतम किराया 10 रुपये होना चाहिए। टैक्सी ऑपरेटर यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूल रहे हैं। सरकार को निजी बस ऑपरेटरों के बारे में भी सोचना चाहिए। सवारी न होने के कारण बसें चलाना मुश्किल हो गया है। इसलिए सरकार ऑपरेटरों की मांगों को जल्द पूरा करे। उसके उपरांत सभी बसें सड़कों पर सुचारू रूप से चलेंगी।
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मंडी-कुल्लू के बस अड्डों में बसों के प्रवेश पर 70 से 90 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है। कोरोना काल के दौरान यह सही नहीं है। इस बारे में प्रदेश सरकार को मांग पत्र भी भेजा गया है। पहली जुलाई से बस सेवा जारी रहेगी।
-सुरेश कुमार, जिला अध्यक्ष निजी बस ऑपरेटर यूनियन।
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अभी इस संबंध में सरकार व उच्चाधिकारियों से कोई आदेश नहीं मिले हैं। अगर बस अड्डा प्रवेश शुल्क नहीं लेने के आदेश आएंगे तो पर्ची काटनी बंद कर दी जाएगी।
-गोपाल शर्मा, आरएम एचआरटीसी मंडी।