सरकार! लावारिस पशु सड़कों पर लाचार
चारे की किल्लत में खूंटे से खोलकर लावारिस कर दी गाय भूख-प्यास से तड़प रही हैं।
जागरण संवाददाता, मंडी : चारे की किल्लत में खूंटे से खोलकर लावारिस कर दी गाय भूख-प्यास से तड़प कर मौत के मुंह में समा रही हैं या फिर किसी फल-सब्जी में मुंह मारने पर डंडे खा रही हैं। इसकी बानगी जिला मंडी के कई क्षेत्र में देखने को मिल रही है। सूखे की मार झेल रहे किसानों ने गाय को खूंटे से छोड़ दिया है।
बड़ी संख्या में मवेशियों को खुला छोड़ने से क्षेत्र में लावारिस पशुओं की भरमार हो गई है। पहाड़ी क्षेत्रों से चारे की तलाश में कुछ मवेशी मैदानी भागों में पहुंच गए हैं। भीषण गर्मी में हालात और बदतर हो गए हैं। जिला में 15 के करीब गोसदन हैं, इनमें 10 गोसदन, गो संवर्द्धन बोर्ड से पंजीकृत हैं। सभी गोसदन में क्षमता से अधिक मवेशी हैं। चारे की किल्लत ने गोसदन संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रिवालसर के घौड़ स्थित एक गोसदन में चारा न मिलने से कई मवेशियों की जान पर बन आई है। यह गोसदन मवेशियों की मौत को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहा है। बेसहारा मवेशियों में मुंह-खुर बीमारी के लक्षण पाए जाने से पशुपालन विभाग के अधिकारियों की नींद हराम हो गई है। पशुपालकों की बैचेनी भी बढ़ गई है। आलम यह है कि जितने लावारिस मवेशी गोसदन के अंदर हैं, उससे कहीं अधिक सड़कों पर हैं।
----
एनएच पर चरमरा रही यातायात व्यवस्था :
लावारिस पशुओं के कारण इन दिनों मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। सड़क के बीचों-बीच पशुओं का जमावड़ा लग रहा है। मवेशियों से मुख्य मार्ग पर आए दिन जाम की स्थिति बन रही है। सड़क पर कब्जा जमाए पशुओं की लड़ाई के कारण दोपहिया वाहन सवार लोगों को दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल होना पड़ रहा है। साथ ही पैदल चलने वालों को अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है। एनएच पर पुलघराट, गुटकर, डडौर व धनोटू में आवारा पशुओं के खड़े रहने से यातायात बाधित हो रहा है। इन स्थानों पर दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।
-----
सभी उपमंडल के एसडीएम को लावारिस मवेशियों को पकड़ कर तुंरत गोसदन में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को मवेशियों को खुला छोड़ने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
-ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त, मंडी