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सुखराम ने जताई मंडी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी

जागरण संवाददाता, मंडी : पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने मंडी लोकसभा सीट से दावेदारी जता

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:58 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:58 PM (IST)
सुखराम ने जताई मंडी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी
सुखराम ने जताई मंडी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी

जागरण संवाददाता, मंडी : पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने मंडी लोकसभा सीट से दावेदारी जता भाजपा की मुशिकलें बढ़ा दी हैं। बकौल पंडित सुखराम, अगर भाजपा चाहेगी तो उनके परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लड़ सकता है। उनके इस एलान से टिकट के चाहवानों की फेहरिस्त में अब एक और नाम जुड़ गया है। हालाकि मंडी संसदीय सीट पर वर्तमान सांसद रामस्वरूप शर्मा का टिकट लगभग तय है। लेकिन पंडित सुखराम की इस हुंकार के बाद उनकी राह कठिन जरूर हो सकती है। टिकट की दौड़ में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अजय राणा, ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, भाजपा मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा व युवा तुर्क प्रवीण ठाकुर का नाम भी शामिल हैं। पंडित सुखराम पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर संसद में पहुंचे थे। राजीव गांधी व नरसिंहा राव के मंत्रिमंडल में खाद्य आपूíत, रक्षा, योजना और संचार मंत्री के रूप में अपनी सियासी पहचान बनाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह से 36 का आंकड़ा होने की वजह से मंडी से मुख्यमंत्री की दौड़ में भी रहे। मगर फिर कांग्रेस से निकाले जाने के बाद हिमाचल विकास कांग्रेस के नाम से अलग सियासी दल बनाकर पहली बार प्रदेश में गठबंधन की सरकार बना डाली। हि¨वका का कांग्रेस में विलय के बाद भी वीरभद्र ¨सह से मतभेदों के चलते गत विधानसभा चुनावों से पूर्व परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए। पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं। अनिल शर्मा का बड़ा बेटा आश्रय शर्मा सक्रिय राजनीति में है। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही पंडित सुखराम अब मोल भाव करने पर उतर गए हैं। अनिल शर्मा केंद्र की राजनीति में जाने की इच्छुक हैं। सदर हलके से वह अपने बेटे को विधानसभा भेजना चाहते हैं। पंडित सुखराम के बयान को इसी कवायद से जोड़ कर देखा जा रहा है।

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पंडित सुखराम ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच विचार कर भाजपा में जाने का परिवार सहित निर्णय लिया था। मोदी का हाथ पकड़ा है। उनके परिवार के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस को चुनाव में भारी नुकसान हुआ है। मंडी जिला में पहली बार भाजपा को 10 में से नौ सीटें मिली है। उन्होंने अपने विश्वास की छाप छोड़ी है। अगर पार्टी हाईकमान चाहेगी तो लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे।


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