मनुष्य की जैसी संगत वैसा हो जाता है मन : लक्ष्मी
मनुष्य जिस की संगत करता है उसका मन भी उसी प्रकार का हो जाता है। जैसे आदमी बैठक करता है मन भी उसी के अनुरूप होता चला जाता है। सनातन धर्मसभा मंदिर जोगेंद्रनगर में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के मुख्य वक्ता लक्ष्मी नारायण ने अपनी मधुर वाणी से कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को निहाल करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन को कुछ नियमों से बंधा होना चाहिए, लेकिन अधिकांश मनुष्य सिर्फ समय व्यतीत करने के लिए गलत संगत का आचरण करते हैं। जो
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : मनुष्य जिस की संगत करता है उसका मन भी उसी प्रकार का हो जाता है। जैसे आदमी बैठक करता है, मन भी उसी के अनुरूप होता चला जाता है। सनातन धर्मसभा मंदिर जोगेंद्रनगर में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के मुख्य वक्ता लक्ष्मी नारायण ने कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को निहाल करते हुए कहा मनुष्य जीवन को कुछ नियमों से बंधा होना चाहिए। लेकिन अधिकांश मनुष्य सिर्फ समय व्यतीत करने के लिए गलत संगत का आचरण करते हैं, जो उनके विनाश का कारण बनता है। उन्होंने कहा व्यक्ति का मन ही उसे स्वर्ग और नरक की ओर ले जाता है। जीवन में अगर सत्संग किया जाए और धर्म के मार्ग पर चला जाए तो ऐसी कोई बात नहीं है कि मनुष्य अपने लक्ष्य को हासिल न कर सके। मानव जीवन में अहंकार ही कष्टों का कारण बनता है। लिहाजा अपने मन को कभी भी अंहकारी न होने दें।
कर्म पर अधिक ध्यान केंद्रित करें और जरूरतमंदों की सहायता के लिए सदैव आगे आएं। कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण का जन्म भी भागवत कथा में हुआ इस दौरान वासुदेव और श्रीकृष्ण की भव्य झांकियां कथा स्थल में निकाली गई।
भागवत कथा के आयोजक एवं व्यवसायी विजय सूद ने वासुदेव की भूमिका निभाई। कृष्ण जन्मोहत्सव पर माक्खन और मिसरी श्रद्धालुओं को बांटी गई। अनेकों स्वादिष्ट व्यंजन भी श्रद्धालुओं को परोसे गए। खुशी के गीत गाए गए, जिसमें महिलाओं ने खूब नृत्य किया।
प्रदेश के सुप्रसिद्ध भजन गायक अजीत पराशर ने कृष्ण जन्मोत्सव पर अपनी दमदार आवाज से अनेकों भजन गाकर श्रद्धालुओं का भरपूर मंनोरजंन किया। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष जुगल किशोर गुप्ता, सदस्य राज शर्मा, विजय बावा, ओम मरवाह, रमन बहल, विनोद शर्मा, ओमानंद, संजीव सूद आदि मौजूद रहे।