श्रीकृष्ण-रुकमणी विवाह की झांकी निकाली
श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह के छठे दिन श्रीकृष्ण और रूकमणी के विवाह के मनमोहक ²श्य दर्शाए गए। विवाह को लेकर कथा स्थल पर बारात भी निकाली गई। श्रीकृष्ण और रूकमणी की जयमाला भागवत कथा का आकर्षण बनी रही। इस दौरान महिलाओं ने जमकर नृत्य किया। सुप्रसिद्ध भजन गायक अजीत शर्मा ने अपनी मधुर आवाज से भजन प्रस्तुत कर भागवत कथा में समा बांधा। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ में कथावाचक लक्ष्मी नारायण ने श्रद्धालुओं
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : शहर के सनातन धर्मसभा मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह के छठे दिन श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह के मनमोहक दृश्य दर्शाए गए। विवाह को लेकर कथास्थल पर बरात भी निकाली गई। श्रीकृष्ण और रुकमणी की जयमाला भागवत कथा का आकर्षण बनी रही। इस दौरान महिलाओं ने जमकर नृत्य किया। सुप्रसिद्ध भजन गायक अजीत शर्मा ने अपनी मधुर आवाज से भजन प्रस्तुत कर भागवत कथा में समा बांधा। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ में कथावाचक लक्ष्मी नारायण ने श्रद्धालुओं को निहाल करते हुए कहा श्रीकृष्ण ने जन कल्याण के लिए द्वापर युग में अवतार लिया था। विश्व कल्याण को लेकर श्रीकृष्ण की अद्भुत और अलौकिक लीलाएं आज भी इतिहास हैं। उन्होंने मनुष्य को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए कहा मनुष्य की अज्ञानता समाज में अधर्म अत्याचार, अनाचार, भ्रष्टाचार आदि कुरीतियां अपना सिर उठाने लगती है। यही कारण है कि हमारे ऋषि मुनियों ने उस परम तत्व के समक्ष प्रार्थना की है कि प्रभु हमारे भीतर के अंधकार को दूर कीजिए, जिससे हम ज्ञान का प्रकाश पाकर जीवन को सुंदर बना सकें। जब तक मानव अज्ञानता के गहन अंधकार में त्रस्त रहेगा, तब तक उसका विकास अधर में लटका रहेगा। कथा का समापन भागवत आरती से हुआ। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष जुगल किशोर गुप्ता, राज शर्मा, विजय बावा, कृष्ण शर्मा, ओमानंद, विजय सूद आदि मौजूद रहे।