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10 तहसीलों व उपतहसीलों में बंदर मारने की अनुमति

जिला की 10 तहसील व उप तहसीलों में अब बंदरों को मारने पर कोई सजा नहीं होगी। केंद्र सरकार ने दस ऐसे क्षेत्रों का चयन करने के बाद यहां पर बंदरों को वर्मिन घोषित कर मारने की मंजूरी दे दी है। प्रदेश भर में कुल 93 ऐसी तहसीलें हैं। जिला मंडी में मंडी चच्योट थुनाग करसोग जोगेंद्रनगर पद्धर सुंदरनगर सरकाघाट धर्मपुर लड़भड़ोल को चयनित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 08:41 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:17 AM (IST)
10 तहसीलों व उपतहसीलों में बंदर मारने की अनुमति
10 तहसीलों व उपतहसीलों में बंदर मारने की अनुमति

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जागरण संवाददाता, मंडी : जिला मंडी की दस तहसील व उपतहसीलों में अब बंदरों को मारने पर कोई सजा नहीं होगी। केंद्र सरकार ने दस ऐसे क्षेत्रों का चयन करने के बाद बंदरों को वर्मिन घोषित कर मारने की मंजूरी दे दी है। प्रदेशभर में कुल 93 ऐसी तहसीलें हैं। जिला मंडी में मंडी, चच्योट, थुनाग, करसोग, जोगेंद्रनगर, पद्धर, सुंदरनगर, सरकाघाट, धर्मपुर, लडभड़ोल को चयनित किया गया है।

प्रदेश में बंदरों द्वारा मचाए जा रहे आतंक के बाद मारने के सरकार ने आदेश जारी किए हैं। इसके लिए उन तहसीलों व उपतहसीलों का चयन किया गया है, जहां पर बंदरों का आतंक सबसे अधिक है। इसके लिए आधार किसानों व बागवानों की ओर से की जाने वाली शिकायतें या बंदरों द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाए जाने के मामले रहते हैं। बंदर लोगों के घरों में घुसकर या फसलों बगीचों आदि को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके निर्यात पर लगी रोक के कारण इनको बाहर भी नहीं भेजा जा सकता है। हालांकि सरकार ने इनकी नसबंदी का अभियान भी छेड़ रखा है लेकिन इसके बावजूद इनकी संख्या में कोई कमी नहंी आती है। 2018 तक ही 140882 बंदरों की नसबंदी की गई, लेकिन हालात अब भी सामान्य नहीं है। लगातार आ रही शिकायतों के बाद अब प्रदेश सरकार ने जिला की 10 तहसीलों व उप तहसीलों में इनको मारने की अनुमति दी है। इनमें सरकाघाट, जोगेंद्रनगर, पद्धर, लड़भड़ोल, सुंदरनगर, धर्मपुर आदि क्षेत्रों में गेहूं, धान, सब्जियां आदि की पैदावार को यह नुकसान पहुंचाते हैं। इसी तरह करसोग, थुनाग, चच्योट आदि ऊंचाई वाले इलाकों में फलों के बगीचों में आतंक मचाते हैं। इसकी शिकायतें विभाग को मिलती है। इसी आधार पर अब इनको मारने की अनुमति मिलने के साथ ही किसानों व बागवानों को राहत मिलेगी।

पूर्व में भी सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित कर इनको मारने की इजाजत दी थी, लेकिन बंदरों को भगवान हनुमान का स्वरूप व श्रीराम की सेना माना जाता है। ऐसे में धार्मिक भावना से जुड़े होने के कारण इनको मारने से भी लोग परहेज करते हैं। पूर्व में भी यही स्थित रहती थी।

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जिला में 10 तहसीलों व उप तहसीलों में सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित कर मारने की इजाजत दी है।

-एसएस कश्यप, डीएफओ मंडी।


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