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बालीचौकी क्षेत्र को व सिविल कोर्ट थुनाग में शामिल करने का विरोध

सराज हलके के बालीचौकी क्षेत्र को सेंशन कोर्ट सुंदरनगर व सिविल कोर्ट थुनाग में शामिल करने का विरोध शुरू हो गया है। विरोध में क्षेत्र की 20 पंचायतें उतर गई हैं। मंगलवार को जिला परिषद सदस्य संतराम व दिले राम की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार बाली

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:15 AM (IST)
बालीचौकी क्षेत्र को व सिविल कोर्ट 
थुनाग में शामिल करने का विरोध
बालीचौकी क्षेत्र को व सिविल कोर्ट थुनाग में शामिल करने का विरोध

जागरण संवाददाता, मंडी : सराज हलके के बालीचौकी क्षेत्र को सेंशन कोर्ट सुंदरनगर व सिविल कोर्ट थुनाग में शामिल करने का विरोध शुरू हो गया है। विरोध में क्षेत्र की 20 पंचायतें उतर गई हैं। मंगलवार को जिला परिषद सदस्य संतराम व दिले राम की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार बालीचौकी के माध्यम से प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 20 पंचायतों के जनप्रतिनिधियों द्वारा हस्तारक्षर युक्त ज्ञापन भेजा है।

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दोनों जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि जो सिविल न्यायालय थुनाग में खोलने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसमें बालीचौकी क्षेत्र की 20 पंचायतों को जोड़ा गया है। बालीचौकी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय से भी 50 किलोमीटर अधिक दूर न्याय पाने के लिए थुनाग जाना पड़ेगा। अधिसूचना जारी करने से पहले क्षेत्र के किसी भी पंचायत को विश्वास में नहीं लिया गया है। अधिसूचना में बालीचौकी क्षेत्र में एक सप्ताह के लिए न्यायालय का कैंप लगने की बात कही गई है।

बालीचौकी क्षेत्र के जरूरी कामों के लिए जैसे जमानत, स्टे ऑडर आदि के लिए क्षेत्र के लोगों को थुनाग में ही जाना पडे़गा। दूसरी तरफ सरकार द्वारा मुकदमों की अपील, जमानत आदि के लिए सेंशन कोर्ट सुंदरनगर जाना होगा। सुंदरनगर जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर है। सुंदरनगर में बालीचौकी क्षेत्र की जनता का कोई आना जाना नहीं रहा है। ऐसे में बालीचौकी क्षेत्र की जनता को न्याय पाने के लिए भारी काठनाईयों का समाना करना पडे़गा।

पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगाई है कि तहसील बालीचौकी के दीवानी व फौजदारी की अपीलों की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय मंडी में यथावत रखी जाए। निचली अदालत के फौजदारी व दीवानी मुकदमों की सुनवाई सिविल कोर्ट मंडी में हो। संतराम ने चेताया सरकार मामले को लेकर सकारात्मक रवैया नहीं अपनाती है तो मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज की जाएगी। आम जनता के साथ जन आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर नारी सभा सदस्य नीतिका ठाकुर, ग्रामीण कामगार के संगठन मेघ सिंह पालसरा, मनी राम,झाबे राम, खेमा देवी मौजूद रही।


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