कोरोना संक्रमित तब्लीगी की अपील: बिना घबराएं जांच करवाएं, हम जमाती हैं; जेहादी नहीं
चंबा के लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज करवा रहेे तब्लीगी जमात से जुड़े कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति ने जमातियों से की जांच करवाने की अपील।
मंडी, हंसराज सैनी। ‘सभी तब्लीगियों को बिना घबराएं जांच के लिए खुलकर सामने आना चाहिए। स्वास्थ्य जांच करवाकर सरकार व स्वास्थ्य विभाग से सहयोग करना चाहिए। हम लोग भी छिपे नहीं थे, बल्कि खुद जांच के लिए सामने आए थे। हम जमाती हैं, कोई जेहादी नहीं। धार्मिक कार्यो में हिस्सा लेना कोई गुनाह नहीं है। जमात का आयोजन वर्षो से हो रहा है।’ यह कहना है लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में उपचाराधीन कोरोना संक्रमित चंबा जिले के तब्लीगी जमात से जुड़े व्यक्ति का।
उसका कहना था कि बीमारी किसी को भी हो सकती है। इस्लाम में ऐसी कोई तालीम नहीं दी जाती है, जिससे किसी का बुरा हो। उसने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में पढ़ता था, तब से तब्लीगी जमात के कार्यक्रमों में जा रहा है। सभी के साथ हमारा गहरा नाता है।
120 दिन की जमात के लिए 18 नवंबर को निकले थे घर से
मोबाइल फोन की मरम्मत का कार्य करने वाले जमाती के अनुसार वह नकरोड़ गांव के नौ अन्य तब्लीगियों के साथ पिछले साल 18 नवंबर को घर से निकला था। 120 दिन का कार्यक्रम था। शुरुआत तीसा व सलूणी से हुई थी। दो माह तक वहीं जमात लगाते रहे। इसके बाद दो आल्टो कार में 18 जनवरी को कांगड़ा जिले के त्रिलोकपुर पहुंचे थे। वहां मस्जिद में पांच फरवरी तक रुके थे। छह फरवरी को कार में पठानकोट गए थे। वहां से रात को 11.20 बजे धौलाधार एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली रवाना हुए थे। सात फरवरी को सुबह 11.30 बजे दिल्ली पहुंचे व निजामुददीन गए।
वहां दो दिन तक मरकज में रुके और नौ फरवरी को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर चले गए। वहां 16 मार्च तक जमात लगाते रहे। 17 मार्च को बुलंदशहर से निजामुद्दीन पहुंचे थे। वहां से 19 मार्च को पूजा एक्सप्रेस ट्रेन से पठानकोट के लिए रवाना हुए। 20 मार्च को सुबह पठानकोट पहुंचने के बाद ट्रेवलर किराये पर ली और उसी से नकरोड़ पहुंचे थे। अगले दिन सभी लोग मस्जिद में नमाज अदा करने गए और लोगों से भी मिले थे। तब्लीगी प्रकरण सुर्खियों में आने के बाद इन लोगों ने पंचायत प्रधान को दिल्ली जाने की जानकारी दी थी। वे लोग 23 व 24 मार्च को तीसा अस्पताल चेकअप के लिए गए। पंचायत प्रधान से लिखित में अनुमति ली थी। चार लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए थे जिन्हें लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में भर्ती करवाया गया है।